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नगर परिषद डभौरा को नशा मुक्त करवाने में कौन बन रहा अड़चन. जानिए पूरा मामला-

MP न्यूज़ : रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा अंतर्गत डभौरा क्षेत्र जो यहाँ होने वाले घटनाक्रम की वजह से हमेशा चर्चा में रहा है. गुजरे वर्षों में बागियों के सुरक्षित आश्रय स्थल के रूप में भी यह क्षेत्र चर्चा में रहा.समय के बदलाव लोगों की जागरूकता और प्रशासन के कठिन प्रयास के बाद यह क्षेत्र भी जिले के अन्य सामान्य स्थलों की तरह तैयार हुआ.

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स्थानीय विधायक DIVYARAJ  सिंह के प्रयास से प्रदेश की शिवराज सरकार (shivraj singh) ने डभौरा को नगर परिषद बना कर क्षेत्र को बड़ी सौगात भी दी है. इस तब्दीली के बाद से ही यहाँ विकास की डगर स्पष्ट होनी शरू हो रही है. स्थानीय जन कहते हैं कि कुछ लोग राजनैतिक एवं प्रशासनिक संरक्षण में नशे का कारोबार कर रहे हैं. जिन्हें रोकना अत्यंत आवश्यक है. यदि इस हेतु शासन प्रशासन के लोग जल्दी कार्यवाही नही करते तो आमजन को कोई बड़ा कदम उठाना पड़ेगा.ऐसे में सवाल यह बनता है कि आखिर कौन है वो लोग जो नगर परिषद डभौरा को नशा मुक्त होने की राह में अड़चन तैयार कर रहे.

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयास में फिर रहा पानी-: 

एक तरफ प्रदेश के मुखिया नशे के विरुद्ध कड़े कदम उठाने की बात करते हैं. तो दूसरी ओर डभौरा नगर परिषद जैसे भी उदाहरण हैं जहाँ चंद लोग मुख्यमंत्री के प्रयास पर पानी फेरने की ठानकर बैठे हैं. नाम न बताने की शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि डभौरा थाना से थोड़ी ही दूरी गुमटी की आड़ में नशा का गोरख धंधा हो रहा है जिसमे नशीली कफसीरप, गांजा, अल्फ़ा टेबलेट प्रमुख बताई जा रही हैं. यह नशा इतना खतरनाक जिससे खुशहाल परिवार दुःख के काले बादलों से घिर जाते हैं.

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किसकी है यह गुमटी जो फैला रही नशा-:

सूत्र के मुताबिक गोलू गुप्ता अपनी माँ अनीता गुप्ता के साथ यह गुमटी संचालित करता है. जहाँ पानी पाउच नमकीन बिस्किट के आड़ में नशे का कारोबार करता है. गूलू गुप्ता के नाम पूर्व में कुछ अपराध भी पंजीबद्ध हैं. वर्तमान में यह व्यक्ति अपने नशे की दुनिया मे इतना खोया हुआ है कि उसे शासन, प्रशासन, पुलिस, जेल आदि का कोई डर ही नही है. अंदर खाने से यह भी चर्चा होती रहती हैं कि स्थानीय पुलिस प्रशासन भी आपने निर्धारित राशि के बदले इसे कुछ नही कर रहे. कार्यवाही के बजाय इसे भीतर ही भीतर संरक्षण दिया जा रहा है.

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मीडियाकर्मी  रिपोर्ट्स के  मुताबिक 4 अप्रैल 2023 की रात्रि उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से नशीली शराब की खेप डभौरा पहुंची थी. जिसकी खबर डभौरा थाना प्रभारी को दी गई परन्तु पुलिस द्वारा उस सूचना पर कोई कार्यवाही नही की गई. यह कार्यवाही क्यों नही हुई किसने रोक रखा है कार्यवाही के लिए यह सभी प्रश्न क्षेत्रीय जनता के द्वारा उठाए जा रहे है.

SDOP कार्यालय से भी पास है यह-:

आपको बता दें की अनुविभागीय अधिकारी पुलिस डभौरा का कार्यालय भी वहीं है. फिर भी पुलिस के इतनी नजदीक इन प्रकार की गतिविधियां अनेक सवाल का कारण बनती है. क्या प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की नशा के विरुद्ध जारी कार्यवाही इन कारोबारियों पर भी होगी. या फिर इन नशे के सौदागरों के हौसले दिनों दिन औए बुलंद होंगे. यह वक्त ही बताएगा.

यदि नशे पर नही है लगाम तो अपनी पीठ क्यों थपथपाते हैं अधिकारी-: 

यदि रीवा जिले की बात करें तो यहाँ पुलिस के आला अधिकारी हमेशा नशे के विरुद्ध अपने प्रयास का गुणगान करते देखे जाते हैं. आईजी रीवा, एस.पी. रीवा के आदेश-निर्देश क्या, डभौरा क्षेत्र में लागू नही होते और होते हैं तो यहाँ की स्थानीय पुलिस कार्यवाही से क्यों बचती है. इस तरह के सवाल क्षेत्रीय जनता द्वारा उठाए जा रहे हैं. अब क्षेत्रीय जनता को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों एवं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह से उम्मीद है कि वह कब तक मे डभौरा क्षेत्र को नशे से मुक्त करवा पाएंगे.

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