MP Politics: सीएम शिवराज ने अपने ही सरकार के मंत्री को दिया झटका, आवासीय भूमि फिर सिंहस्थ में शामिल, क्या है मामला?
Shivraj Singh Chouhan: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपनी सरकार के मंत्री मोहन यादव के विधानसभा क्षेत्र में आवासीय जमीन को शामिल करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री मोहन यादव के विधानसभा क्षेत्र में दखल देते हुए आवासीय भूमि को एक बार फिर सिंहस्थ में शामिल करने की घोषणा कर दी है. गौरतलब है कि 26 मई 2023 को उज्जैन का मास्टर प्लान लागू हुआ था. इस मास्टर प्लान में सिंहस्थ बाईपास की कृषि भूमि को आवासीय कर दिया गया था. इस पूरे क्षेत्र में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और उनके परिवार के सदस्यों की काफी जमीन है.
इसी बात को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव पर गंभीर आरोप लगाए नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने उज्जैन पहुंचकर आवासीय भूमि का मुआयना भी किया और पूरे मामले को विधानसभा में उठाने की चेतावनी दी. विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर आवासीय भूमि को सिंहस्थ मेला क्षेत्र में शामिल करने की घोषणा कर दी है. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव को बड़ा झटका लगा है.
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बीजेपी में भी शुरू हो गया था टकराव
सिंहस्थ बाईपास की जमीन को कृषि भूमि से आवासीय करने को लेकर कांग्रेसी नहीं बल्कि बीजेपी में भी टकराव की स्थिति बनने लगी थी. के कुछ विधायक और प्रदेश के पदाधिकारी पूरे मामले को लेकर सवाल उठा रहे थे.
भोपाल में पिछले दिनों हुई बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और पूर्व सांसद डॉ चिंतामणि मालवीय के बीच भी इसी बात को लेकर तीखी बहस हुई थी. यह पूरा विवाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने हुआ था. मास्टर प्लान के मामले में उज्जैन उत्तर के विधायक पारस भी भूमि को आवासीय करने के विपक्ष में थे.
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की घोषणा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा की है कि सिंहस्थ 2016 में बाईपास पर अधिग्रहित की गई 148 हेक्टेयर भूमि को आवासीय से निरस्त करते हुए पुनः सिंहस्थ मेला क्षेत्र में सम्मिलित कर दिया गया है. इस संबंध में यदि किसी व्यक्ति को कोई आपत्ति हो तो 15 दिन के भीतर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है. इस संबंध में नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है.
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कांग्रेस की जीत हुई- सज्जन वर्मा
इस पूरे मामले में जब कांग्रेस ने ध्यानाकर्षण दिया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फैसला लेना पड़ा. धार्मिक नगरी उज्जैन में सिंहस्थ मेला 12 साल में एक बार आता है. इसमें करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, उनकी सुविधा को ध्यान में रखना ज्यादा जरूरी था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्या फैसला लिया इस बात की जरूर जानकारी नहीं है लेकिन यदि जनता के हित में कोई निर्णय हुआ तो उसका स्वागत करते हैं.
सिंहस्थ की जमीन को मुक्त करना जरूरी- पारस जैन
विधायक पारस जैन के मुताबिक एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगर को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है. वहीं दूसरी तरफ एक और बात यह जरूरी है कि जिस जमीन पर 2004 से अभी तक सिंहस्थ मेला नहीं लगा है. उस जमीन को मेला क्षेत्र से मुक्त करना भी आवश्यक है ताकि सैकड़ों परिवार लाभान्वित हो सके.