महिला अपराध को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल दागदार हो रही मोहन सरकार
आरोपी को 09 माह तक बचाने में जुटे रहे मऊगंज जिले के प्रथम पदस्थ पुलिस अधीक्षक…?
महिला चिकित्सक को धमकाने और रुपये की मांग के गम्भीर अपराध में भी पुलिस ने की लीपापोती का खेल
मऊगंज सिविल अस्पताल में पदस्थ रही अकेली महिला चिकित्सक डॉ रेखा सिंघल को इस तथा कथित नेता के आतंक से छोड़नी पड़ी नौकरी!
जिसके चलते समूचे क्षेत्र की महिलाओं को मिल रही चिकित्सकीय सुविधाओं से वंचित होना पड़ा है!
महिला चिकित्सक के अनुसार इस तथाकथित नेता द्वारा बदतमीजी करते हुए खबरों को लेकर ब्लैकमेल करते हुए पैसे की डिमांड की जा रही थी!
पैसा ना देने पर आधार हीन खबरों को प्रकाशित करने की लगातार धमकी भी दी जा रही थी! जिससे परेशान होकर अंततः एक महिला चिकित्सक ने अपने आप को इस कांग्रेसी नेता से असुरक्षित महसूस करते हुए नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया!
मोहन राज में कांग्रेसी नेता का आतंक !
महिला चिकित्सक द्वारा लगाए गए संगीन अपराध के बाबजूद भी धारा 327 का अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया!
जिसके चलते पुलिस प्रशासन की कार्यवाही पर उठ रहे सवाल?
महिला चिकित्सक द्वारा लगाए गए संगीन आरोप के बावजूद भी पुलिस प्रशासन कही ना कही इस कांग्रेसी नेता के दबाव में है! जिससे यह साबित होता है की इस
कांग्रेसी नेता की धौष का असर मऊगंज थाना में पूर्व की तरह ही आज भी चल रही है!
जिसका परिणाम समूचे क्षेत्र की महिलाओं को भूगतान पड़ रहा है!
सिविल अस्पताल में महिला चिकित्सक ना होने के चलते आज भी क्षेत्र की महिलाओं को रीवा जाना पड़ रहा है!
जो चिंतनीय है!
यह हालत तब है जब प्रदेश में भाजपा की सरकार है और स्वास्थ्य मंत्री भी समीपी जिला रीवा विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेंद्र शुक्ला है!
विचारणीय है की इस भाजपा सरकार में कांग्रेसी नेता के आतंक से जब एक महिला चिकित्सक सुरक्षित नहीं है तो अन्य महिलाओं की सुरक्षा कैसे हो सकतीं हैं ?