जबलपुर। मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने मुरार ग्वालियर के नेता गोपीलाल भारती को एसपी ग्वालियर से ज्योतिरादित्य सिंधिया की शिकायत करने के लिए कहा है। निर्देशित किया गया है कि एसपी ग्वालियर शिकायत की जांच करेंगे। हाईकोर्ट ने गोपीलाल भारती को स्वतंत्र किया है कि यदि वह एसपी की जांच से संतुष्ट नहीं होते तो कोर्ट में आपराधिक विधि के अनुसार याचिका प्रस्तुत कर सकते हैं। न्यायमूर्ति सुजय पाल व न्यायमूर्ति पीसी गुप्ता की युगलपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद निराकरण किया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव नामांकन में जानकारी छुपाई
आपराधिक पुनरीक्षण अर्जी में कहा गया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 में राज्यसभा सांसद के लिए दाखिल नामांकन पत्र में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरण की जानकारी नहीं दी थी। इसके लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को दंडित करने के लिए FIR दर्ज की जाए। मुरार, ग्वालियर निवासी कांग्रेस नेता गोपीलाल भारती की ओर से यह आपराधिक पुनरीक्षण की अर्जी प्रस्तुत की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता संजय अग्रवाल व अधिवक्ता कुबेर बौद्ध ने कोर्ट को बताया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने के साथ जो शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, उसमें तथ्यों को छुपाया गया।
विशेष अदालत से निरस्त हो जाने के बाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी
सिंधिया ने खुद के खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरण की जानकारी नामांकन के साथ पेश शपथ पत्र में नहीं दी। इसकी शिकायत पुलिस से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई। इस पर सांसद विधायकों की विशेष अदालत में आवेदन दाखिल कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया गया, लेकिन यह आवेदन विशेष कोर्ट ने निरस्त कर दिया। इसी आदेश को पुनरीक्षण याचिका में चुनौती दी गई।
महाधिवक्ता ने एसपी को शिकायत करने का सुझाव दिया
राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी व शासकीय अधिवक्ता यश सोनी ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि CrPC की धारा 154(3) के तहत एसपी को आवेदन देने का विकल्प शिकायतकर्ता के पास उपलब्ध है। इस पर कोर्ट ने एसपी को आवेदन देने की छूट देकर याचिका का पटाक्षेप कर दिया।