भाटिया ग्रुप की अवैध शराब तस्करी पर प्रशासन का खुला संरक्षण
मां शारदा की पवित्र नगरी मैहर को मदिरा मय बनाने में भाटिया का अहम रोल
मैहर । मां शारदा की पवित्र नगरी को मदिरा मय बनाने में भाटिया शराब कंपनी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा यहां तक की मैहर के करीब आने वाले सभी गांवों में जगह-जगह अवैध शराब की तस्करी करवा अपने गुर्गों से शराब बेचवाने का काम कर रहा है। जिसका अप्रत्यक्ष प्रमाण आप सबके समक्ष है। माई की नगरी को प्रशासन की मिलीभगत भाटिया शराब ग्रुप इस कदर बदनाम करने तुला हैं, कि यहां आने वाले दूरदराज से दर्शनार्थी भी आए दिन शराबियों का शिकार होते हैं और मारपीट झगड़ा जैसी स्थिति निर्मित हो जाती है। यह सब हो इस लिए रहा है कि प्रशासन को खुला संरक्षण प्राप्त है इन शराब ठेकेदारों को जिस कारण से यह अपने आपको स्वयं सरकार समझते हैं।
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ज्यादातर भाटिया के शराब दुकानों पर बिहार से आए तड़ीपार लोग ही काम करते हैं जिनका यहां किसी भी प्रकार से कोई भी पुलिस वेरिफिकेशन भाटिया शराब कंपनी द्वारा नहीं करवाया जाता हैं। जो कि इन्हीं गुर्गों के द्वारा ही गांव-गांव गली-गली अवैध शराब की पैकारी खुलेआम प्रशासन के संरक्षण में की जा रही है। पूर्व में हुई कार्यवाही के बावजूद भी संतोष सिंह बिहारी अपने कारनामे बाज़ नहीं आ रहा है। यह प्रशासन पर इस कदर भारी हैं, कि पुलिसिया एवं आबकारी विभाग इस पर कार्यवाही करने से कतराते रहता हैं। अभी हाल ही में मैहर साक्षी होटल के पास भारी मात्रा में अवैध शराब की खेप पकड़ी गई थी जो किसी भाटिया ग्रुप की थी।
शराब तस्करी करने वाला व्यक्ति भी इसी भाटिया ग्रुप का था जिसका नाम अनिल सिंह था। और यह बिहार का रहने वाला है। इसी से प्रशासन का दोहरा चरित्र देखने को मिला। कार्यवाही इस अनिल सिंह पर बनती थी मगर भाटिया ग्रुप के मैनेजर संतोष सिंह बिहारी इस सांठगांठ से किसी और पर कार्यवाही करवा दी गई। प्रशासन द्वारा जिस पर कार्यवाही की गई उसे एफ आई आर में फरार दर्शा दिया गया। जब की यहीं अनिल सिंह पुनः शराब की तस्करी करते आय दिन साफ़ देखा जा रहा है।
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उसके बावजूद भी प्रशासन हाथ में पट्टी बांधे हुए बैठा है। कहा यही जा रहा है कि अनिल सिंह, संतोष बिहारी का चाचा है। जिसे बचाने के संतोष सिंह ने सारे दांवपेच अपनाएं। और इसके द्वारा अपनाए गए सारे पैंतरे भी काम में आए। अप्रत्यक्ष प्रमाण को अंधे में रखकर मैहर पुलिस खानापूर्ति करते हुए दूसरे व्यक्ति के ऊपर कार्रवाई की। साथ ही उन्हे फरार भी घोषित कर दिया था। अब देखना यह है कि जिले की आबकारी एवं पुलिस विभाग इस फोटो वीडियो के आधार पर क्या कुछ कार्यवाही करती है या फिर इसी भाटिया की गुलाम बनकर अपने आंख में पट्टी बांधे बैठी रहेगी।