जालसाज महिला का पर्दाफाश,
उत्तर प्रदेश के एक विधायक सहित 7 लोगों पर लगा चुकी है दुष्कर्म का आरोप, 12 व्यक्तियों पर वाराणसी में करा चुकी है फर्जी एफआईआर । सीधी में पहचान छुपाकर पुलिस अधिकारी को कर रही थी परेशान।
सीधी। विगत 3 वर्षों से सीधी जिले में एक पुलिस अधिकारी के प्यार में पागल होने का नाटक कर पीछे पड़कर परेशान करने वाली महिला की सच्चाई कुछ और ही निकली। खुद को पुलिस अधिकारी की पत्नी बताकर जाली कागजात बनवाने वाली महिला को अब यह दाव उल्टा पडने वाला है।
आधार कार्ड में गलत जानकारी अपडेट करवाने और फर्जी जानकारी के साथ स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का मामला आया सामने।
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उक्त महिला ने पूर्व के प्रकरणों में अलग-अलग जन्म तिथि बताई है उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में 7 लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाने के बाद पुलिस ने जांच की जिस पर एक विधायक समेत चार लोगों को क्लीन चिट मिली जबकि दो पर अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया इसके बाद उक्त महिला पर समझौता कर अपने बयान से पलट जाने की बात सामने आई है। इस प्रकरण के एफआईआर में जन्मतिथि 1985 बताई और पति का नाम अनिल है एवम 1998 में विवाहित और 2007 में विधवा होना बताया है। इसी तरह वाराणसी में 12 लोगों पर विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराने वाली महिला ने 354 (ख) में भी समझौता कर बयान पलट दिया।
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14 साल कम उम्र की अविवाहित युवती बन नई साजिश रचने का आरोप।
महिला द्वारा आधार कार्ड में 1995 जन्म तिथि अपडेट करवा कर पुलिस अधिकारी को पति के रूप में दर्ज करवाने का आरोप उक्त महिला पर है इसके साथ ही आरोप है कि महिला द्वारा झूठा शपथ पत्र देकर स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र एवं ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवा लिया गया इन दस्तावेजों के आधार पर पुलिस अधिकारी के विरुद्ध विभिन्न प्रकार की शिकायतें की जाने लगी जिससे पुलिस अधिकारी पर मानसिक दबाव बनाया जा सके।
उत्तर प्रदेश में कई हुए शिकार पूछने पर जोड़ लेते हैं हाथ।
एक जालसाज महिला इतनी शातिर है कि जो इसके जाल में फंसा किसी भी तरह से खुद को बचाकर उसकी परछाई भी नहीं देखना चाहता आलम यह है कि यदि इन घटनाओं के संबंध में कोई कुछ पूछना चाहता है तो कोई बताने को तैयार नहीं होता उक्त महिला द्वारा झूठे मुकदमों में फंसा कर धन उगाही करने की बात सामने आई है लोग दबी जबान बताते हैं कि भदोही विधायक से उक्त महिला ने 5 करोड़ रुपए मांगे थे। वाराणसी में भी उक्त महिला द्वारा धन उगाही के बाद अपने बयान से पलटने की बात सामने आई है।
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महिला के पीछे काम करता है पूरा नेटवर्क बाहर से मिलते हैं निर्देश स्थानीय स्तर पर बना लेती है टीम।
सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि उक्त महिला तीन फोन रखती है एवं जहां भी जाती है अपनी लोकेशन अपनी टीम को भेजती रहती है। जिस क्षेत्र में जाती है वहां के अपराधिक और असामाजिक तत्वों को अपने साथ मिलाकर उन्हें भी मोटी रकम का लालच देकर अपने साथ कर लेती है। जैसे ही कोई व्यक्ति लोक लाज के भय से इससे समझौता करता है तुरंत धन उगाही कर अपने बयान से पलट जाती है और अपनी पहचान छुपा कर कहीं और शिकार ढूंढने निकल जाती है।
जान का खतरा बताकर लेती है सुरक्षा फिर सुरक्षाकर्मी दिखाकर बनाती है दबाव।
उक्त जालसाज महिला इतनी शातिर है कि जैसे ही झूठे तथ्यों के साथ किसी के विरुद्ध आवेदन देती है तुरंत ही अपनी जान का खतरा बताते हुए भी एक आवेदन देती है जिससे और दबाव बनाया जा सके दबाव बनाने में माहिर यह महिला इतनी चालाक है कि अलग-अलग प्रकरणों में अलग-अलग तरह का हस्ताक्षर करती है।
3 साल तक छुपी रही पहचान सच्चाई सामने आने पर हुआ बड़ा खुलासा।
लोक लाज का भय दिखाकर पुलिस अधिकारी एवं उसके परिवार को ब्लैकमेल करने वाली महिला का राज जब अचानक खुला तो खोजबीन कर इसके बारे में जानकारी एकत्रित करनी प्रारंभ की गई तो ये जानकारियां सामने आने की बात कही जा रही है।
सभी साक्ष्यों के साथ पुलिस अधिकारी ने दिया आवेदन, जल्द हो सकती है जालसाज महिला पर कार्यवाही।
महिला द्वारा कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर किए गए भयादोहन जालसाजी की शिकायत पुलिस अधिकारी द्वारा कर दी गई है साथ ही सीधी जिले में जिन जिन व्यक्तियों से महिला ने पुलिस अधिकारी की पत्नी बनकर ठगी की है उनसे भी संपर्क साधे जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
हाई कोर्ट ने जिला एसपी को दिए थे सुरक्षा के निर्देश।
पुलिस अधिकारी और उसकी पत्नी द्वारा उक्त महिला से प्रताड़ित होकर जब पुलिस को आवेदन दिया गया और उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिस पर हाईकोर्ट ने 9 फरवरी 2021 को जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष सुरक्षा की मांग करने के निर्देश दिए गए इसके बाद भी अभी तक पुलिस अधिकारी के आवेदनों की जांच पुलिस द्वारा नहीं हो पाई है।
उक्त महिला द्वारा महिलाओं को प्राप्त अधिकारों के दुरुपयोग का यह तीसरा मामला।
पूर्व के दो गंभीर मामलों में शिकायत के बाद अपने बयान से पलट जाने वाली महिला के कहने पर किसी पुलिस अधिकारी पर किसी भी तरह के मामले को पंजीबद्ध करने से पहले मामले की गंभीरता से जांच होना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा झूठी शिकायतों चलो की मानहानि करने वाले लोगों का मनोबल बढ़ता जाएगा।