विधानसभा सत्र को लेकर असमंजस, विस अध्यक्ष ने कहा समय पर चलेगा सदन
भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर एक बार फिर असमंजस की स्थिति बनती दिखाई दे रही है। 25 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष का बयान सरकार के प्रवक्ता और संसदीय कार्यमंत्री के बयान से मेल नहीं खा रही है।
दरअसल शुक्रवार को मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि नेता प्रतिपक्ष के साथ हुई मंत्रणा के बाद विधानसभा सत्र को अगस्त में आयोजित करने की सहमति बनी है इसके लिए एक प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा। जिससे 25 जुलाई से शुरू होने वाला मानसून सत्र अगस्त में हो सके।
इस मामले में आज जब विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से पूचा तो उन्होंने कहा कि अभी तक उनके पास मानसून सत्र को आगे बढ़ाने को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं आया है। इसलिए अभी तक 25 जुलाई को निर्धारित समय पर ही सत्र शुरू होगा। मानसून सत्र के लिए अभी तक विधायकों के 1516 प्रश्न भेजे हैं। इन सवालों को विभागों को जवाब के लिए भी भेजा है। हालांकि राज्यपाल के पास सत्र की अधिसूचना जारी करने और वापस लेने का अधिकार है। संसदीय कार्य विभाग के सदन के आहूत या संसोधन करने के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष और सदन के नेता के हस्ताक्षर होते हैं।
मानसून सत्र को जुलाई की जगह अगस्त में आने के लिए नरोत्तम मिश्रा ने नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह से भी सहमति ली और उसके बाद ये फैसला लिया हैं। 25 जुलाई से 29 जुलाई तक होने वाला मानसून सत्र स्थगन के लिए पक्ष और विपक्ष में ने आपसी सहमती बनी है। बताया जा रहा है कि विधानसभा सत्र को आगे बढ़ाने का सुझाव सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष की तरफ से ही आया था। अब पक्ष और विपक्ष मिलकर राज्यपाल से अगस्त में मानसून सत्र बुलाने का आग्रह किया है।
एमपी विधानसभा के मानसून सत्र के अगस्त में आहूत करने के पीछे पक्ष और विपक्ष इसलिए सहमत हुए हैं क्योंकि प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव के चल रहे हैं। मध्य प्रदेश में 17 और 18 जुलाई को नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव के परिणामों की घोषणा की जाएगी। हालांकि यह तारीख भी बदल गई हैं। वही दूसरी ओर देश में होने वाले 16वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है और 21 जुलाई को मतगणना होगी।