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मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री सहित 6 आरोपियों को सजा

 

ग्वालियर। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, ग्वालियर में हुए स्टेशनरी घोटाले में न्यायालय ने पूर्व मंत्री और सहकारी बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष भगवान सिंह यादव सहित 06 आरोपियों को दोषी माना है। एमपी/एमएलए विशेष न्यायालय के न्यायाधीश सुशील कुमार जोशी ने भगवान सिंह और आरोपी डीके जैन को 3-3 साल एवं ईशान अवस्थी, गजेन्द्र श्रीवास्तव, शीला गुर्जर व संजीव शुक्ला को 4-4 साल की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपियों पर 01 लाख 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में दो अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है। आरोपियों ने फर्जी संस्था बनाकर 4.45 लाख रुपए का भुगतान कर लिया था।

 

जांच में यह आया सामने…

जांच में पाया गया कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक ग्वालियर (District Co-operative Central Bank) के तत्कालीन अध्यक्ष और पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव के निर्देश पर बैंक कर्मचारी ईशानचंद्र अवस्थी ने अपनी परिचित शीला गुर्जर के माध्यम से महिला बहुउद्देश्यीय सहकारी संस्था गढऱौली, उपपंजीयक सहकारी संस्था ग्वालियर के कार्यालय से 27 अक्टूबर-1998 को पंजीकृत कराई थी।




उक्त संस्था की अध्यक्ष शीला व सचिव संजीव शुक्ला, रजनी मूले ने बैंक अध्यक्ष आरोपी भगवान सिंह, ईशान, मुकेश माथुर, सुरेशचंद्र जैन, डीके जैन, गजेन्द्र श्रीवास्तव आदि के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा। उन्होंने बिना निविदा के महिला बहुउद्देशीय सहकारी संस्था मुरार के नाम से स्टेशनरी क्रय के बिल प्राप्त कर अवैध रूप से बिल का भुगतान स्वीकृत करते हुए राशि प्राप्त की।



इस संस्था का पंजीकरण 27 अक्टूबर-98 को होने के बावजूद पंजीयन के पूर्व 20 अक्टूबर-98 को बैंक अध्यक्ष भगवान सिंह यादव के दीपावली ग्रीटिंग कार्ड की छपाई के बिल 20 हजार रुपए का भुगतान भी किया गया। जांच में यह भी पाया गया कि बैंक के कर्मचारियों ने गठित संस्था के अध्यक्ष आरोपी मुकेश माथुर, सचिव अन्य अभियुक्त सुरेशचंद्र जैन द्वारा नियम विरुद्ध रूप से राशि अभियुक्त ईशान व अन्य को स्वीकृत की।




बिना कुटेशन खरीदी कर राशि हासिल की

फरियादी सतीश शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपी ईशानचंद्र अवस्थी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित ग्वालियर के लिए फर्जी महिला बहुद्देशीय सहकारी संस्था मुरार से बिना कोटेशन मंगाए स्टेशनरी खरीदी कर 4,45,000 रुपए की राशि हासिल की।




इस मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने 18 मई-04 को प्रारंभिक जांच की। इसके बाद जांच के लिए ब्यूरो को ग्वालियर को भेजा गया। इस मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल ने आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक अभिषेक मेहरोत्रा ने की।

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