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झूठी गवाही पर एक वर्ष की कैद ,सतना कोर्ट में झूठी गवाही देना साक्षी को भारी पड़ गया।

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने झूठी गवाही देने पर राजेश प्रसाद कुशवाहा पिता भूरा कुशवाहा, निवासी हरदुआ तिघरा को एक साल के कारावास की सजा से दंडित किया है। न्यायाधीश भूपेश कुमार मिश्रा की अदालत ने आरोपी को भादवि की धारा 193 का अपराध करने का दोषी पाए जाने पर एक हजार का जुर्माना भी लगाया है। अभियोजन की ओर से एडीपीओ हरिकृष्ण त्रिपाठी ने पक्ष रखा।

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 कोर्ट की शिकायत पर दर्ज हुआ अपराध

अभियोजन के अनुसार विचाराधीन था। इस प्रकरण में 28 अगस्त 2009 को आरोपी बतौर साक्षी उपस्थित हुआ और अपनी साक्ष्य देते हुए उसने अपने आपको अनपढ़ बताया। इसके साथ ही उसने न्यायालय में अंगूठा लगा निष्पादित शपथ-पत्र पेश किया। जबकि तिघरा विद्यालय के अध्यापक ने आरोपी के कक्षा 8 उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र पेश कर उसे पढ़ा-लिखा होना बताया। झूठी गवाही दिए जाने पर न्यायालय द्वारा आरोपी के विरुद्ध आपराधिक परिवाद प्रस्तुत किया गया। अदालत ने परिवाद की सुनवाई करते हुए झूठी गवाही देने का आरोप साबित पाए जाने पर आरोपी द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 की को जेल और जुर्माने की सजा से दंडित अदालत ने वसूली का सिविल वाद किया है।

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