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एम्स के सर्वर पर हमला करने वाले हैकर्स ने क्रिप्टोकरंसी में मांगी 200 करोड़ की फिरौती

 

वीवीआईपी सहित 3-4 करोड़ मरीजों का डेटा लीक की आशंका




नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स, दिल्ली के सर्वर पर हमला करने वाले हैकर्स रैनसमवेयर ने क्रिप्टोकरंसी में करीब 200 करोड़ रुपए की मांग की है। हैकरों ने सर्वर को बंधक बनाने के छठवें दिन अपनी मांग रखी है। एम्स का सर्वर सोमवार को लगातार छठवें दिन डाउन रहा। इसमें पूर्व प्रधानमंत्रियों, मंत्रियों, नौकरशाहों और न्यायाधीशों समेत कई अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीआईपी) का डाटा स्टोर है। आशंका है कि सेंधमारी से करीब 3-4 करोड़ मरीजों का डेटा लीक हो सकता है। पुलिस ने 25 नवंबर





को जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया था। कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन), दिल्ली पुलिस का सायबर सेल, एनआईसी और गृह मंत्रालय के अफसर रैनसमवेयर अटैक की जांच कर रहे हैं।




जांच एजेंसियों की सिफारिशों पर अस्पताल में कंप्यूटर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इस बीच, एनआईसी ई-हॉस्पिटल डाटाबेस और ई-हॉस्पिटल के लिए एप्लिकेशन सर्वर बहाल कर दिए गए हैं। एनआईसी टीम एम्स में स्थित अन्य ई-हॉस्पिटल सर्वरों से संक्रमण को स्कैन और साफ कर रही है। अस्पताल के सभी काम मैन्युअल मोड में हो रहे हैं। अभी नेटवर्क के पूरी तरह से साफ होने और काम करने में पांच दिन और लग सकते हैं।

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