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हाल में श्रद्धा के साथ हुई घटना ने एक बार फिर लव जिहाद पर देश में उबाल पैदा कर दिया हैं।।लिव इन रिलेशन में रहने वाली श्रद्धा के पुरुष मित्र आफताब ने उसके शरीर के 35 टुकड़े करके फ्रिज में रखकर ना सिर्फ अपने खतरनाक मंसूबे को अंजाम दिया अपितु सभी लडकियों के समक्ष प्रेम संबंध पर ही प्रश्नचिन्ह खडा कर दिया।।



क्या हैं लव जिहाद 

लव-जेहाद’’ की पृष्ठभूमि उस विषैले दर्शन में निहित है, जिसमें विश्व को ‘‘मोमिन’’ और ‘‘काफिर’’ के बीच बांटा गया है। प्रत्येक सच्चे अनुयायी का यह मजहबी कर्तव्य है कि वह काफिरों की झूठी पूजा-पद्धति को नष्ट कर तलवार, छल, फरेब और प्रलोभन के माध्यम से उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करे या फिर मौत के घाट उतार दे- चाहे इसके लिए अपनी जान की बाजी ही क्यों न लगानी पड़े। इसी मानसिकता ने मोहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनवी, गौरी, तैमूर, बाबर, अलाऊद्दीन खिलजी आदि कई विदेशी आक्रांताओं को भारत पर आक्रमण के लिए प्रेरित किया।




क्या हैं लव जिहाद में युवतियों के फंसने का कारण 

महिलाओं की बढ़ती संख्या शिक्षा, वित्तीय स्वतंत्रता और बाहरी दुनिया के संपर्क में आ रही है। उन्होंने अपनी पसंद पर जोर देना शुरू कर दिया है, जिसमें यह भी शामिल है कि किससे शादी करें। यह जातिगत पितृसत्ता में नैतिक आतंक का कारण बनता है, खासकर अगर महिलाएं अन्य जाति या धर्म से संबंधित अपने साथी चुनती हैं।।





यह युवा पीढ़ी के कुसंस्कारो,बड़े शहरो में दौड़ती – भागती जिंदगी,घटिया परवरिश और परिवार में मौजूद मां पिता और बुजुर्गों के नाफरमानी का नतीजा हैं।। नारी सशक्तिकरण के पीछे आई पाश्चात्य संस्कृति की परिभाषा और उसके पीछे अंधानुकरण की लालसा भी युवतियों के दिग्भ्रमित होकर विश्वास खोने की सबसे बड़ी वजह हैं।।सोशल डेटिंग एप कल्पनाओं के आधार पर प्रेमी का चयन।।





सामाजिक और संस्कृति विश्वास की खोखली होते जड़ें,आधुनिक सोच के नाम पर सनातन संस्कृति की आस्था,विश्वास और मूल्य न केवल पिछड़ेपन का प्रतीक समझे जाने लगे हैं,बल्कि अभिजात वर्ग की पहचान भी।। नतीजतन मध्यवर्गीय भारतीय परिवार एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण कर रहा है जिसके लिए प्रेम दैहिक आकर्षण से अतिरिक्त कुछ नहीं।।विवाह से पहले ही विवाहितों जैसे लिवइन में रहना।।

कैसे युवक जाल बनाकर फंसाते हैं युवतियों को





जब कोई युवती शैक्षिक संस्थानों में अध्ययन हेतु जाती हैं और वहां सहायता के लिए कोई विकल्प खोजती हैं तब ऐसे युवा सहायता(रुम दिलाने,सामान दिलाने,यातायात की सुगमता हेतु बाइक से ले जाने,भ्रमण के नाम पर करीब आने,सिलेबस के पूर्णता हेतु नोटबुक के आदान-प्रदान या किसी उत्सव आयोजन में डांस पार्टनर) के नाम पर नजदीक आते हुए ये जाल बुनने में सफल हो जाते हैं।।




अपनी पहचान छुपाकर हिंदू बताने,तिलक लगाकर संबंध जोडने वाला सोनू बाद में साजिद बन जाता हैं और माधुरी को मुमताज बनाने का प्रयास करता हैं।।

कैसे बचें युवतियां 

अपने परिवार के विरुद्ध जाकर किसी भी शख्स पर अंधविश्वास की भावना को पूरी तरह से त्यागना होगा। अपनी मूल संस्कृति और सभ्यता के अनुरूप अध्यात्मिक होना होगा।किसी भी बातों को परिजनों से छिपाने से बचना होगा।स्वयं ही समर्थ होना होगा।शिक्षित और अभिजात श्रेणी में आने के पश्चात भी अपने मूल पर गौरव करना होगा।




लव जिहाद का उद्देश्य क्या हैं 

अन्य धर्मों की युवतियों का मतातरंण कराकर खुद के धर्म की जनसंख्या की वृद्धि करना।

कौन से प्रश्न खड़े करती हैं ये घटना

प्रेम विवाह या संबंधो के प्रति जितनी आतुरता(भाव या समर्पण) अन्य धर्मों के युवतियों में दिखता हैं इस्लाम धर्म की युवतियों में क्यों नहीं?

आखिर अंतर धार्मिक विवाह की उन्नायक बहुसंख्यक समाज की लडकियां ही क्यों बनती हैं?

क्या डेटिंग एप,सोशल नेटवर्किंग साइट्स या तमाम छद्म आधारों से उपजा प्रेम इतना शक्तिशाली हैं की जनक पिता व जननी माता के आग्रह को दरकिनार कर दें?

Er उत्कर्ष नमो वत्स मिश्र

परास्नातक विद्यार्थी माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय

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