US के जनरल से शिवराज की हुई भेंट 

 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से यूएस के कॉन्सुलेट जनरल (महा वाणिज्य दूत) मिचेल हेंकी ने भेंट की।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश और यूएस के मध्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की व्यापक संभावनाएँ हैं।

 

भेंट की प्रमुख बाते 

मुख्यमंत्री ने यूएस के कॉन्सुलेट जनरल मिचेल हेंकी को जनवरी में हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिये भी आमंत्रित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और यूएस के मध्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की व्यापक संभावनाएँ हैं। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश की प्राथमिकताओं पर कार्य के लिये यह बैठक महत्त्वपूर्ण है।




अतीत के कार्यों की मुख्यमंत्री ने की चर्चा

वर्ष 2019-20 में 05 बिलियन यूएस डॉलर का निर्यात हुआ, वहीं यह आँकड़ा वर्ष 2020-21 में बढ़ कर 1.28 और वर्ष 2021-22 में बढ़ कर 1.43 बिलियन यूएस डॉलर हो गया है। मुख्य रूप से जो उत्पाद मध्य प्रदेश से यूएस निर्यात होते हैं, उनमें बासमती चावल, दवाइयाँ, सूती वस्त्र, खाद्य तेल आदि शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने निवेश के लिए किया आमंत्रित

यूएस एवं मध्य प्रदेश की उन्नत विनिर्माण, रिन्यूएबल एनर्जी, मशीनरी इक्विपमेंट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्रों में साझेदारी है।

इसे यूएस एवं मध्य प्रदेश की सरकारी संस्था एमपीआईडीसी और यूएसटीडीए के मध्य एमओयू कर और आगे ले जाया जा सकता है।




कृषि उत्पाद को भी देंगे बढ़ावा 

प्रदेश में कृषि विकास, उद्यानिकी और खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में बहुत अच्छा आधार स्थापित है।

मध्य प्रदेश, भारत में गेहूँ का सबसे बड़ा निर्यातक राज्य है

शिवराज सिंह ने बताया की हाल ही मे 5 लाख टन गेंहू निर्यात किया गया था.

इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र मे भी निवेश हो सकता है 

मध्य प्रदेश इन्फ्रा-स्ट्रक्चर (सड़क), वित्तीय और नवकरणीय क्षेत्रों में अधिक निवेश के लिये प्रयासरत् है।

जलवायु परिवर्रतन को भी देंगे महत्व 





मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश, देश का हृदय प्रदेश है। स्वच्छता के क्षेत्र में मध्य प्रदेश देश में सबसे आगे है।

रीवा का हुआ नाम रोशन 

नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में रीवा ज़िले में स्थापित ‘रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट’एक प्रमुख परियोजना है, जिसकी लागत 4 हज़ार 500 करोड़ रुपए और क्षमता 750 मेगावाट है।

उन्होंने बताया कि ओंकारेश्वर में सौर ऊर्जा से संचालित फ्लोटिंग संयंत्र की स्थापना की पहल की गई है। भविष्य में बरगी और गांधी सागर जलाशय पर भी ऐसे संयंत्र लगाने का विचार है।

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