जी-20 सम्मेलन : पीएम मोदी ने कहा “भारत की ऊर्जा सुरक्षा वैश्विक विकास के लिए महत्वपूर्ण”
इंडोनेशिया के बाली में मंगलवार को G-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध में युद्धविराम और कूटनीति का आह्वान किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी समेत अन्य विषम परिस्थितियों से उत्पन्न चुनौतियों के बारे में भी बताया।
पीएम मोदी ने कहा, “वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।” आगे उन्होंने कहा कि “हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए।” इंडोनेशिया में बैठक के बाद भारत अगले वर्ष के लिए ग्रुप ऑफ 20 (G-20) प्रेसीडेंसी की कमान संभालेगा।
“महामारी के दौरान, भारत ने अपने 1.3 बिलियन नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की” : पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि “महामारी के दौरान, भारत ने अपने 1.3 बिलियन नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की और साथ ही अनेकों जरूरत मंद देशों को भी खाद्यान्न की आपूर्ति की।” खाद्य सुरक्षा के संदर्भ मे फर्टिलाइजर की वर्तमान किल्लत भी एक बहुत बड़ा संकट है जिसके संदर्भ को लेते हुए पीएम ने कहा कि “आज के समय फर्टिलाइजर की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान वर्तमान में विश्व के पास नहीं है।” उन्होंने कहा कि हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की सप्लाइ चैन को सुनिश्चित रखने के लिए आपसी सहमति बनानी चाहिए।
पीएम ने भारत की सतत खाद्य सुरक्षा के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कही जो बाजरा जैसे पौष्टिक और पारंपरिक अनाज को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं। बाजरा से वैश्विक खाद्य संकट का भी समाधान हो सकता है। उन्होंने अगले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष को जोर-शोर से मनाने का आह्वान भी किया।
पीएम ने कहा “भारत व इंडोनेशिया कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे”
पीएम ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया 21वीं सदी में एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। इंडोनेशिया की जमीन ने भारत से आए हुए लोगों को प्यार से स्वीकार किया, उन्हें अपने समाज में शामिल किया।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के बाली में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। इसके बाद उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि “बाली आने के बाद हर भारतीय को एक अलग ही अनुभूति होती है और मैं भी वही महसूस कर रहा हूं।
जिस जगह के साथ भारत का हजारों वर्षों का रिश्ता रहा है। दोनों देशों ने पीढ़ी दर पीढ़ी उस परंपरा को आगे बढ़ाया पर कभी ओझल नहीं होने दिया।” उन्होंने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि “भारत और इंडोनेशिया 21वीं सदी में एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं।” दोनों देशों के संबंधों को चिन्हित करते हुए पीएम ने कहा कि “भारत और इंडोनेशिया का साथ सिर्फ सुख का नहीं है। हम सुख-दुख में एक दूसरे के दुख को बांटने वाले हैं। जब 2018 में इंडोनेशिया में बड़ा भूकंप आया तो भारत ने तुरंत ऑपरेशन समुद्र मैत्री शुरू किया था। तब मैंने कहा था कि भारत और इंडोनेशिया में 90 नॉटिकल मील का फैसला भले ही हो लेकिन हम 90 नॉटिकल मील दूर नहीं बल्कि 90 नॉटिकल मील पास हैं।”
भारत के विकास को इंगित करते हुए पीएम ने कहा कि “भारत की टेक्नोलॉजी, भारत का इनोवेशन, भारत का उद्योग इन सब ने दुनिया में अपनी एक पहचान बनाई है। आज दुनिया की बहुत सी बड़ी कंपनियां ऐसी हैं जिनके CEO भारत के हैं। आज दुनिया के 10 यूनिकॉर्न बनते हैं तो उनमें से एक भारत का होता है।”
सम्मेलन में किन मुद्दों पर होगी बात?
G-20 सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी तीन अहम सत्रों में हिस्सा ले रहें हैं। इनमें शामिल हैं खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, डिजीटल ट्रांसफॉर्मेशन और स्वास्थ्य। पीएम मोदी दुनियाभर के नेताओं के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण कृषि और कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। भारत के पास वैश्विक मुद्दों को दुनिया के सामने रखने का यह बड़ा मौका है। भारत ने पहले भी इंटरनेशनल सोलर एलायंस या पिछले साल ग्लासगो में लाइफस्टाइल फॉर इंविरॉनमेंट जैसे विश्व कल्याण के कई मुद्दे उठाए हैं। भारत अब 2023 में अगले जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है और भारत ही इसका एजेंडा भी तय करेगा।
जी-20 समूह क्या है?
G-20 समूह विश्व बैंक एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रतिनिधि, यूरोपियन यूनियन एवं 19 देशों का एक अनौपचारिक समूह है। साथ में, G20 सदस्य विश्व सकल घरेलू उत्पाद के 80% से अधिक, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के 75% और विश्व की 60% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह एक मंत्रिस्तरीय मंच है जिसे G-7 द्वारा विकसित एवं विकासशील