20 हजार की रिश्वत लेते डिप्टी कलेक्टर रंगे हाथ गिरफ्तार, पीड़ित कांग्रेस नेता की शिकायत पर एसीबी ने की कार्रवाई
छत्तीसगढ़ एसीबी व ईओडब्ल्यू की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक डिप्टी कलेक्टर को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार है। आरोपी एवज में रिश्वत की मांग की थी। शिकायत पर आज एसीबी व ईओडब्ल्यू की टीम ने आरोपी डीसी को रंगेहाथों दबोच लिया। मामला छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले का है। एसीबी के अफसरों ने बताया कि गरियाबंद जनपद पंचायत सीईओ डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है।
20 हजार के लिए डिप्टी कलेक्टर ने बेच दिया अपना ईमान
आज एसीबी की टीम गरियाबंद जनपद पंचायत कार्यालय पहुंची, जहां डिप्टी कलेक्टर को बोरवेल का बिल पास कराने के एवज में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत चिखली, मालगांव और मजरकटा में 15वें वित्त से 4 बोरवेल खनन के लिए पहली किस्त 3 लाख निकलवाना था। इसके लिए 20 हजार रुपए की मांग करुण डहरिया ने की थी। कांग्रेस नेता शफीक खान से जनपद पंचायत सीईओ करुण डहरिया ने 30 अक्टूबर ये रकम मांगी थी।
4 नवंबर को कांग्रेस नेता ने पैसा देने की बात कही थी। शफीक खान ने एसीबी से इस बात की शिकायत की। जिसके बाद एसीबी ने उसे 20 हजार रुपए देकर जनपद पंचायत सीईओ करुण डहरिया के पास भेजा। जब शफीक ने अधिकारी को पैसा दिया, तो तुरंत एसीबी अधिकारी वहां पहुंचे और पैसे को जब्त कर करुण डहरिया को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया ने 7 महीने पहले ही जनपद पंचायत सीईओ के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उनके खिलाफ पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।
कोरबा जिले के रहने वाले हैं करुण डहरिया
रिश्वतखोर डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया मूल रूप से कोरबा जिले के रहने वाले हैं। वे 2019 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उनकी पहली पोस्टिंग जांजगीर चांपा में एसडीएम के रूप में हुई थी। इसके बाद उनका ट्रांसफर पामगढ़ एसडीएम के तौर पर हुआ था। तीसरी पोस्टिंग के तौर पर वे गरियाबंद आए, जहां वे जनपद पंचायत सीईओ के रूप में कार्यरत हैं।