पहाड़ से 268 फीट नीचे एमपी का सबसे लंबा रेल टनल बनकर तैयार, जानिए इसमें और क्या है खास
Rewa News. छुहिया पहाड़ में बने इस रेलवे टनल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह पहाड़ की ऊंचाई से तकरीबन 268 फीट नीचे बनकर तैयार हुई है
Railway News. ललितपुर – सिंगरौली रेल लाइन पूरा करने के लिए गोविंदगढ़ में बनाए जा रहे रेलवे टनल का काम दिल्ली की एक निजी कंपनी को सौंपा गया था. इसने तकरीबन 3300 मीटर लंबा टनल बनाया. इस की ऊंचाई और चौड़ाई दोनों ही तकरीबन 8 मीटर की है. छुहिया पहाड़ में बने इस रेलवे टनल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह पहाड़ की ऊंचाई से तकरीबन 268 फीट नीचे बनकर तैयार हुई है. यह मध्य-प्रदेश का सबसे बड़ा और लंबा रेल टनल माना जा रहा है.
रीवा. पश्चिम मध्य रेलवे की ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना के अंतर्गत रीवा के गोविंदगढ़ स्थित छुहिया पहाड़ में रेल टनल बनकर तैयार है. ये मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी रेल टनल है. इस पर 107 करोड़ की लागत आयी है. छुहिया पहाड़ में बने इस रेल टनल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह पहाड़ से तकरीबन 268 फीट नीचे है. यह मध्य-प्रदेश का सबसे बड़ा और लंबा रेल टनल माना जा रहा है.
ललितपुर – सिंगरौली रेल लाइन पूरा करने के लिए गोविंदगढ़ में बनाए जा रहे रेलवे टनल का काम दिल्ली की एक निजी कंपनी को सौंपा गया था. इसने तकरीबन 3300 मीटर लंबा टनल बनाया. इस की ऊंचाई और चौड़ाई दोनों ही तकरीबन 8 मीटर की है. छुहिया पहाड़ में बने इस रेलवे टनल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह पहाड़ की ऊंचाई से तकरीबन 268 फीट नीचे बनकर तैयार हुई है. यह मध्य-प्रदेश का सबसे बड़ा और लंबा रेल टनल माना जा रहा है
ललितपुर – सिंगरौली रेल परियोजना
रेलवे ने ललितपुर से सिंगरौली को जोड़ने के लिए महत्वकांक्षी रेल परियोजना की शुरुआत की है. इसके तहत पश्चिम मध्य रेलवे उत्तर प्रदेश के ललितपुर से लेकर मध्य प्रदेश के सिंगरौली तक रेल लाइन बिछायी जा रही है. इस रेल लाइन की खास बात यह है कि दोनों प्रदेशों को जोड़ने वाली ये रेल लाइन रीवा से होकर गुजरेगी.
इसके लिए रीवा के गोविंदगढ़ स्थित छुहिया पहाड़ में मध्य प्रदेश के सबसे बड़े रेलवे टनल का निर्माण किया गया है. इसकी लंबाई तकरीबन 3300 मीटर की बताई जा रही है जो अब तक मध्य प्रदेश में बने रेलवे टनल को पीछे छोड़ रही है. 107 करोड़ रुपए की लागत से बने इस रेल टनल की ऊंचाई और चौड़ाई तकरीबन 8 मीटर रखी गई है. छुहिया पहाड़ की 268 फीट की ऊंचाई से नीचे इस टनल का निर्माण कार्य किया गया है.