मध्यप्रदेश में 11 लाख बच्चे स्कूलों से गायब, सबसे ज्यादा रीवा व सतना में छोड़ी पढ़ाई

सतना. स्कूल शिक्षा विभाग के 15 जून से प्रारंभ हुए शैक्षणिक सत्र को तीन माह हो चुके हैं। इस वर्ष 31 जुलाई तक कक्षा 1 से 12वीं में शत प्रतिशत नामांकन का लक्क्ष्य रखा गया था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शासन की मंशा थी कि 6 से 18 साल आयु के बच्चों का शत प्रतिशत नामांकन स्कूलों में हो जाए। लेकिन शिक्षा विभाग के पोर्टल को अगर सही माने तो प्रदेश में गत वर्ष की तुलना में 11.67 लाख बच्चे स्कूलों से गायब है। अकेले कक्षा 1 के नामांकन की स्थिति देखें तो इस साल सबसे कम नामांकन वाले 10 जिलों में सबसे ऊपर रीवा और सतना जिले हैं। इसके अलावा जहां सबसे कम नामांकन दर्ज हुए हैं उनमें धार, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, खरगोन, मुरैना, राजगढ़, भोपाल और सागर हैं।




यह है पहली कक्षा में प्रवेश की स्थिति

रिपोर्ट बताती है कि कक्षा 1 में विगत वर्ष 2021-22 की तुलना में इस वर्ष 2022-23 में कुल बच्चों का नामांकन 68.5 फीसदी हुआ है। 68.5 फीसदी से कम नामांकन वाले 10 जिलों की स्थिति देखें तो सबसे कम नामांकन रीवा और सतना जिले में हुआ है। शासकीय और निजी विद्यालयों में रीवा जिले में गत वर्ष 43020 बच्चों ने एडमिशन लिया था जबकि इस वर्ष 26739 बच्चे ने प्रवेश लिया है। इस तरह रीवा में गत वर्ष की तुलना में 16281 बच्चों ने कम प्रवेश लिया है। सतना जिले में गत वर्ष 41038 बच्चे कक्षा 1 में प्रवेशित थे जबकि इस साल 25572 बच्चों ने ही प्रवेश लिया है।




इस तरह सतना में गत वर्ष की तुलना में 15466 बच्चे कम नामांकित हुए हैं। अन्य जिले जहां सबसे कम बच्चे नामांकित हुए हैं उनमें धार में 15298, शिवपुरी में 12373, छिंदवाड़ा में 11547, खरगोन में 11518, मुरैना में 11158, राजगढ़ में 10682, भोपाल में 10377 व सागर में 10272 बच्चों ने गत वर्ष की तुलना में कम प्रवेश लिया है।




5वीं के बाद 12 फीसदी बच्चे नहीं गये स्कूल

कक्षा 5वीं उत्तीर्ण करने के बाद 6वीं में प्रवेश लेने वाले बच्चों के प्रवेश में भी काफी कमी दर्ज की गई है। 5वीं उत्तीर्ण होने के बाद 12 फीसदी बच्चों ने कक्षा छठवीं में एडमिशन नहीं लिया। रीवा जिले में गत वर्ष कक्षा 5वीं में 45687 बच्चे प्रवेशित हुए थे लेकिन इस साल कक्षा 6वीं में उनकी संख्या घट कर 37367 हो गई। अर्थात 8320 बच्चे स्कूल छोड़ दिये।



सतना जिले में गत वर्ष कक्षा 5वीं में 42173 बच्चों ने प्रवेश लिया था जबकि इस वर्ष 6वीं कक्षा में 36957 बच्चे प्रवेशित हुए हैं। यहां भी 5216 बच्चों का नामांकन कम पाया गया है। इसी तरह धार में 9239, झाबुआ में 8467, अलीराजपुर में 8320, बड़वानी में 6319, रतलाम में 6089, खरगोन में 5994, मुरैना में 5842 और भोपाल में 5274 बच्चों ने 5वीं उत्तीर्ण करने के बाद छठवीं में प्रवेश नहीं लिया। जबकि यह शाला प्रधान की जिम्मेदारी है कि वह शत प्रतिशत बच्चों का अगली कक्षा में एडमिशन कराएं।




कक्षा 9वीं में भी प्रवेश की स्थिति खराब

8वीं उत्तीर्ण करने के बाद बच्चों का कक्षा 9वीं में निकटतम शाला में नामांकन कराया जाना था। ये वे छात्र हैं जिनकी छात्रवार जानकारी विद्यालयों में होती है। रीवा संभाग में रीवा और सिंगरौली जिले की स्थिति खराब मिली है। रीवा में गत वर्ष कक्षा आठवीं में शासकीय और निजी विद्यालय मिला कर कुल 43608 बच्चे प्रवेशित थे लेकिन इस वर्ष यहां कक्षा 9वी में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या 32095 रही।




अर्थात 11513 विद्यार्थियों ने 8वीं के बाद 9वीं में प्रवेश नहीं लिया। इसी तरह मुरैना में 13 हजार, शिवपुरी में 12 हजार, धार में 12 हजार, ग्वालियर में 8 हजार, रतलाम, भिंड, खरगोन व विदिशा में 7-7 हजार तथा सिंगरौली में 6811 बच्चों ने 8वीं पास करने के बाद 9वीं में प्रवेश नहीं लिया।




10वीं के बाद सर्वाधिक शाला त्यागी बच्चे रीवा व सतना में

इस साल प्रदेश भर में लगभग 40 फीसदी बच्चों ने 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी है। पोर्टल के आंकड़ो में गतवर्ष 10वीं कक्षा की तुलना में इस साल 11वीं में प्रवेशित बच्चों की संख्या 58 फीसदी रही। अर्थात 42 फीसदी कम बच्चे नामांकित हुए। रीवा जिले में कक्षा 10वीं में गत वर्ष नामांकन 36491 रहा जबकि इस वर्ष 11वीं में नामांकन 16079 है। अर्थात 56 फीसदी नामांकन गत वर्ष की तुलना में कम हुआ।




संख्या के हिसाब से देखें तो 20412 बच्चों ने स्कूल में एडमिशन नहीं लिया। सतना में गत वर्ष 37058 एडमिशन 10वीं में हुए थे जबकि इस साल 11वीं में 19745 बच्चों का ही नामांकन हुआ है। अर्थात 17313 बच्चों का एडमिशन कम हुआ है। इसी तरह छतरपुर में 16 हजार, ग्वालियर व जबलपुर में 15-15 हजार, भोपाल, मुरैना, भिंड व इंदौर में 13-13 हजार तथा सिवनी में 11 हजार बच्चों का प्रवेश 10वीं कक्षा की तुलना में कक्षा 11वीं में कम दर्ज हुआ है।




संचालक ने जताई आपत्ति

विगत वर्ष की तुलना में इस साल बच्चों के कम प्रवेश को लेकर राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक धनराज एस ने आपत्ति जाहिर करते हुए कलेक्टर को पत्र लिखा है। निर्देश दिया है कि शत प्रतिशत नामांकन एवं शाला त्यागी दर को शून्य करने आवश्यक कार्यवाही की जाए। इधर शिक्षा विभाग के अफसरों की सफाई है कि पोर्टल में मैपिंग नहीं होने से यह आंकड़ा ज्यादा दिख रहा है। लेकिन वे इससे इंकार नहीं कर रहे हैं कि गत वर्ष की तुलना में इस साल नामांकन कम हुआ है।

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