तो पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला से फिर मांगी जाएंगी निगम में खर्च हुई यह राशिया? पूर्व में तत्कालीन निगमायुक्त ने जारी किया था 4.92 करोड़ का मांग पत्र!…
रीवा। नगर निगम के महापौर की कुर्सी पर कांग्रेस का कब्जा है, निगम के कार्यो के संचालन को लेकर सख्त निगरानी महापौर अजय मिश्रा बाबा द्वारा क
रीवा। नगर निगम के महापौर की कुर्सी पर कांग्रेस का कब्जा है, निगम के कार्यो के संचालन को लेकर सख्त निगरानी महापौर अजय मिश्रा बाबा द्वारा की जा रही है, हाल ही में उनके द्वारा भूमिपूजन को लेकर बड़ा खुलासा किया गया था, उन्होंने खुलासे में बताया था कि पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने करीब 300 निर्माण कार्यो के ऐसे भूमिपूजन किए हैं जिनका कार्यादेश नहीं जारी हुआ था और अब उन्हीं का कार्यादेश जारी होने के बाद उनका भूमिपूजन किया जा रहा है,
यह बात तक महापौर ने सामने रखी थी जब निगम अध्यक्ष ने बैठक लेकर अधिकारियों को निर्देश दे डाले थे कि जिन कार्यो के भूमिपूजन हुए है उनका भूमिपूजन दोबारा न किया जाए। हालांकि इस बैठक को ही महापौर ने नियम विरूद्ध बताया था और पत्र भी आयुक्त को लिखकर साफ निर्देश दिए थे कि इस प्रकार के नियम विरूद्ध बैठको में जाकर अधिकारी-कर्मचारी अपना समय जाया न करें।
भूमिपूजन खर्च को लेकर यह चर्चा...
वहीं नगर निगम में महापौर द्वारा किए गए खुलासे के बाद तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है, चर्चा में कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला व अन्य द्वारा किए गए भूमिपूजन में व्यवस्थाओं में निगम व ठेकेदार ने खर्च किए हैं और यदि अवैध थे तो इन कार्यक्रमों में खर्च की गई राशि किससे वसूली जाएगी।
निगम में चर्चा यह भी हो रही है कि महापौर अजय मिश्रा बाबा ने अधिकारियों को बिना कार्यादेश किए गए भूमिपूजनों में हुए खर्च व अधिकारियो के वहां रहने से प्रभावित हुए कार्यो की जानकारी तैयार करने के निर्देश दिए हैं और योजना है कि जिसके द्वारा बिना कार्यादेश जारी हुए भूमिपूजन किए गए हैं उनका खर्च व हुए नुकशान भूमिपूजन करने वालो से ही वसूला जाए हालांकि अभी तक इस बात को लेकर अधिकारिक जानकारी महापौर ने मीडिया से नहीं सांझा की है लेकिन निगम में यह चर्चाएं जोरो पर है। हालांकि कहा यह भी जा रहा है की भूमिपूजन में टेंट इत्त्यादि का खर्च ठेकेदार द्वारा दिया जाता है.
पूर्व में जारी हुआ था मांग पत्र
बता दें कि पूर्व में ही आईएचएसडीपी योजना के तहत बने आवासों के बदले तत्कालीन आयुक्त सभाजीत यादव ने पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को 4.92 करोड़ का मांग पत्र जारी किया था, वहीं चर्चा यह भी है कि एमआईसी की बैठक में इस मांग पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही हुई इस बिंदु पर भी महापौर सहित एमआईसी सदस्य चर्चा करने जा रहे हैं। वहीं चर्चा यह भी है कि एमआईसी की बैठक में पूर्व में आई जांचो सहित अन्य मामलो को भी लेकर चर्चा की जाएगी जो कार्यवाही कांग्रेस शासन काल में हुई उस पर क्या स्थिति है इस पर चर्चा होगी।