महिला चिकित्सक के मामले में आरोपी मऊगंज कलेक्टर व पुलिस अधिकारी का बना खास दरबारी,जिसको महिमा मंडन के साथ ही पाल रखा है दलाल?
मऊगंज। बंगाल में डॉक्टर के साथ हाल की घटना आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या से जुड़े मामले में कोहराम मचाने बाली भाजपा की ही मध्यप्रदेश की मोहन सरकार की नीति और नियत पर सवाल उठ रहा है जहां पर उसके दोहरे चरित्र को उजागर करता एक गम्भीर मामले कि चर्चा इस समय जोरों पर है जहां मऊगंज जिले के पुलिस अधिकारी की लेनदेन कहे या उनकी दलाली करने बाले कभी नेता तो कभी पत्रकार बताने बाले राजू सिंह सेंगर के खिलाफ मऊगंज सिविल अस्पताल में कार्यरत रही स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक को ड्यूटी के दौरान धमकाने के साथ ही अभद्रता और शासकीय कार्य मे बाधा उत्पन्न करने का मामला बीते 06 माह पूर्व मऊगंज पुलिस थाना में दर्ज हुआ था। पुलिस अधिकारियों द्वारा आरोपी खिलाफ दर्ज मामले को जांच के नाम पर लगातार दबाने का किया जा रहा काम।
उक्त आरोपी की दलाली कहे या चाटुकारिता कहे उसी से प्रभावित होकर कलेक्टर सहित पुलिस अधिकारी उसे पाल रखा है दलाल,जो कि आये दिन इन अधिकारियों के साथ फोटो खींचकर खुद को बता रहा इन अधिकारियों को अपना बेहद करीबी।
वैसे भी महिलाओं से जुड़ा राजू सिंह सेंगर का यह कोई पहला मामला नही इसके पूर्व भी महिला रेंजर तुष्टि सिंह से ब्लैकमेलिंग को लेकर हुआ था विवाद जिसके बाद अपने बचाव में पत्रकार संगठन को बनाया था ढाल।
इस तरह से मऊगंज पुलिस प्रशासन महिला अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने को लेकर कितनी गम्भीर है उसकी भ्रष्ट कार्यशैली को यह पूरा मामला उजागर कर रख दिया है।
जबकि इस घटना के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अस्पताल और हॉस्टल में सुरक्षा के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) तैनात करने का निर्देश दिया
और इस घटना के बाद, पश्चिम बंगाल पुलिस को भी फटकार लगाई गई, जांच में कमियों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ तैनात करने का निर्देश दिया, और केंद्र सरकार ने इसके लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की।