एजेंट धमकी तो दूर, शाम 7 बजे के बाद वसूली के लिए कॉल तक नहीं कर सकते
जब लोग बैंक या वित्त संस्था से लिए गए लोन की किस्त समय पर नहीं चुका पाते तो उनकी ओर से रिकवरी एजेंट भेजे जाते हैं। ये एजेंट लोन लेने वाले शख्स को अदायगी के लिए धमकाते हैं। ये प्रक्रिया गलत है। यहां लोन लेने वालों के अधिकार बता रहे हैं विधि सलाहकार डॉ आशीष श्रीवास्तव…
■ लोन की किस्त नहीं चुका पा रहे तो क्या करें?
– अगर कोई भी किस्त दो बार चुकाने में नाकाम रहता है तो बैंक कॉल, मैसेज या नोटिस भेजता है। तीसरी बार ऐसा होने पर बैंक कार्रवाई करना शुरू कर देता है। अगर लोन नहीं चुका पाते तो बैंक आप पर सिविल केस कर सकता है, ऐसे मामलों में क्रिमिनल केस नहीं होता। अगर ईएमआई नहीं चुका पा रहे तो सबसे पहले बैंक को अपनी समस्या बताएं। मॉरटोरियम मांग सकते हैं। अगर लोन देने वाला बैंक काफी सख्त है तो आप किसी अन्य बैंक में लोन ट्रांसफर करवा सकते हैं।
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• रिकवरी को लेकर नियामक के नियम क्या है?
रिजर्व बैंक के निर्देश हैं कि बैंकों, अन्य उधारदाताओं को उनके द्वारा नियुक्त सभी वसूली एजेंसियों का विवरण वेबसाइटों पर प्रकाशित करना चाहिए। वसूली एजेंट्स कर्ज वसूली के प्रयास में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मौखिक, या शारीरिक रूप से उत्पीड़न नहीं कर सकते। वे कर्ज वसूली के लिए उधारकर्ता को सुबह 8 बजे से पहले व शाम 7 बजे के बाद कॉल नहीं कर सकते।
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कोई एजेंट धमकी दे, तब क्या करें?
लोन लेने वालों को ये साबित करने के लिए कि उन्हें परेशान किया जा रहा है, रिकवरी एजेंट के सभी मैसेज, ईमेल और कॉल के रिकॉर्ड को सेफ करके रखना चाहिए। एजेंट के खिलाफ सभी सबूतों के साथ अपने लोन अधिकारी या बैंक से संपर्क करें। यदि एजेंट शारीरिक बल का प्रयोग कर रहा है या धमकी दे रहा है, तो पुलिस में शिकायत कर सकते हैं। पुलिस शिकायत नहीं लेती है तो मजिस्ट्रेट के पास जाऐं। यदि बैंक के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं।