टेक्नोलॉजी : यूक्रेन थ्री-डी प्रिंटेड बमों का इस्तेमाल कर रहा
रूस से 17 माह से चल रहे युद्ध के कारण यूक्रेन में फैक्टरियों में बने कई किस्म के गोलाबारूद का स्टॉक कम हो गया है। वैसे, बारुद और अन्य एक्सप्लोसिव पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इससे एक अमेच्योर आर्म्स इंडस्ट्री खड़ी हो गई है। राजधानी कीव में रहने वाले ल्योशा और उनके मित्रों के ग्रुप ने अपने घरों में 800 ग्राम वजन का बम बनाया है। इसका नाम जेचिक या खरगोश है। ग्रुप बम की केसिंग थ्री-डी प्रिंटिंग से बनाने के बाद उसे एक्सप्लोसिव और स्टील के छर्रे भरने के लिए भेजता है।
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ल्योशा की टीम हर सप्ताह लगभग एक हजार प्लास्टिक के गोले प्रिंट करती है। इन्हें कैंडी बम भी कहते हैं। यूक्रेनी सेना के अधिकारी हर दिन 1500 गोले चाहते हैं। एक अन्य ग्रुप ड्रक ने पिछले चार माह में तीस हजार से अधिक कैंडी बम बनाए हैं। यूक्रेन के बाहर लातविया, पोलेंड से भी ऐसे बम बनकर आ रहे हैं। नवंबर 2022 के बाद यूरोप से 65 हजार बम आ चुके हैं।