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किसने-कितना पैसा खाया, बाकी कौन आरोपी हैं, जानिए- इस पूरे घोटाले का खेल…

 

अकेले तीनों पूर्व प्राचार्य ही 3 करोड़ हड़प गए…

ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय (TRS) विंध्य क्षेत्र के सबसे बड़े एजुकेशन इंस्टीट्यूट में से एक है। NAAC से इसे A ग्रेड का दर्जा प्राप्त है। यहां 2009 से 2020 के बीच 4 करोड़ रुपए से ज्यादा का पारिश्रमिक और मानदेय घोटाला हुआ।इसमें से सिर्फ 3 करोड़ रु. का घोटाला रिटायर्ड प्राचार्य डॉ. एसयू खान, रिटायर्ड प्राचार्य डॉ. सत्येंद्र शर्मा और सस्पेंड चल रहे पूर्व प्राचार्य डॉ. रामलला शुक्ला पर करने का आरोप है।

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सूत्रों के अनुसार TRS कॉलेज में मानदेय वितरण को लेकर गड़बड़ी की गई। पेपर प्रिंटिंग, बिना कोटेशन सामग्री की खरीदी, नियमों का पालन न करते हुए राशि का भुगतान करना, एक ही फर्म को प्रिटिंग के लिए पेपर छपाई का काम देने जैसे मामले शामिल हैं।




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EOW निरीक्षक प्रवीण चतुर्वेदी ने बताया कि 10 नवंबर 2020 को 19 नामजद समेत अन्य के खिलाफ केस किया गया था। पहले चरण में तत्कालीन तीनों प्रचार्यों पर लगे आरोपों की जांच की गई। अभियोजन स्वीकृति मिलने पर चालान पेश किया गया। जांच में EOW को 717 दिन लगे।




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11 साल चला अनियमितता का खेल

कॉलेज में 2009 से 2020 तक 11 साल तक लगातार पारिश्रमिक एवं मानदेय घोटाला हुआ। इस मामले में 19 नामजद आरोपी बने थे। तत्कालीन रीवा कलेक्टर इलैया राजा टी ने जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट के बाद मामला आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को भेजा गया था।




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ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय (TRS) विंध्य क्षेत्र के सबसे बड़े एजुकेशन इंस्टीट्यूट में से एक है। NAAC से इसे A ग्रेड का दर्जा प्राप्त है





ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय (TRS) विंध्य क्षेत्र के सबसे बड़े एजुकेशन इंस्टीट्यूट में से एक है। NAAC से इसे A ग्रेड का दर्जा प्राप्त है।

इन मदों के रुपए हड़पे

EOW की जांच टीम ने बताया कि अवैधानिक अध्यादेशों के माध्यम से स्वयं एवं अन्य स्टाफ को करोड़ों रुपए का परिश्रामिक एवं मानदेय प्रदान किया गया। जिन नियमित कार्यों के लिए इन्हें वेतन प्राप्त होता था, उन कार्यों के लिए भी अतिरिक्त मानदेय प्राप्त कर वित्तीय अनियमितता की गई। इसके साथ ही बाजार दर से अधिक दर पर भंडारण, सामग्रीक्रम में अनियमितता, बिना कार्य भुगतान, डेडा वेरीफिकेशन में भ्रष्टाचार आदि शामिल है।





1299 पन्ने का चालान पेश

EOW ने फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में तीनों जिम्मेदारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए 1299 पन्नों का चालान पेश किया। दावा है कि डॉ. रामलला शुक्ला, डॉ. एसयू खान और डॉ. सत्येंद्र शर्मा 2015 से 2020 के बीच TRS कॉलेज के प्राचार्य रहे हैं। इस मामले में सिर्फ तीन आरोपियों के केस का ट्रायल हुआ। बाकी 16 सहित अन्य का केस चल रहा है। इसके बाद अन्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।




​जिनको मिली जिम्मेदारी, सबने किया भ्रष्टाचार

तीन पूर्व प्राचार्य को जेल हो चुकी है। भ्रष्टाचार के आरोप में डॉ. अजय शंकर पांडेय, डॉ. कल्पना अग्रवाल, डॉ. संजय सिंह, डॉ. संजय शंकर मिश्रा, डॉ.आरपी चतुर्वेदी, डॉ. बीपी सिंह, डॉ. सुशील ​दुबे, डॉ. अवध प्रताप शुक्ला, डॉ.आरएम तिवारी, डॉ. एसएन पांडेय, डॉ. आरके धुर्वे, डॉ. एसडी गुप्ता, प्रियंका मिश्रा, प्रभात प्रजापति, राम प्रकाश चतुर्वेदी के अलावा एक तत्कालीन अकाउंटेंट का भी नाम है। अब इनके खिलाफ चालान पेश किया जाएगा।





किसने-कितना किया भ्रष्टाचार

डॉ. सत्येन्द्र शर्मा: 14.99 लाख

डॉ. एसयू खान: 52.31 लाख

डॉ. रामलला शुक्ला: 1.39 करोड़

डॉ. एसयू खान, डॉ. सत्येंद्र शर्मा और डॉ. रामलला शुक्ला (लेफ्ट टू राइट)।

डॉ. एसयू खान, डॉ. सत्येंद्र शर्मा और डॉ. रामलला शुक्ला (लेफ्ट टू राइट)।

इनके खिलाफ चालान पेश होना बाकी




डॉ. कल्पना अग्रवाल: 34.19 लाख

डॉ. सुनील कुमार दुबे: 26.93 लाख

डॉ. आरएन तिवारी: 29.65 लाख

डॉ. संजय सिंह: 30.26 लाख

डॉ. आरके धुर्वे: 21.67 लाख

डॉ. आरपी चतुर्वेदी: 11.27 लाख

डॉ. अजय शंकर पाण्डेय: 10.11 लाख

डॉ. एसएन पाण्डेय: 8.82 लाख

डॉ. अवध शुक्ला: 6.25 लाख

डॉ. एचडी गुप्ता: 3.32 लाख

डॉ. अभिलाषा गौतम: 3.31 लाख

प्रियंका मिश्रा, श्रमिक: 2.57 लाख

प्रभात प्रजापति, श्रमिक: 1.04 लाख

रामप्रकाश चतुर्वेदी, भृत्य: 2.95 लाख

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