दीपावली पर सूर्यग्रहण, घर की सब मिठाईयां हो जाएंगी बेकार, ये करें उपाय

भोपाल. दीपावली का त्योहार साल में एक बार आता है और इस त्योहार को हर कोई हर्षोल्लास के साथ मनाता है, अच्छी बात तो यह है कि ये त्योहार एक दो दिन नहीं बल्कि एक साथ पांच दिन का होता है, इस कारण हर घर में मिठाईयां और विभिन्न व्यंजन भी काफी बनाए जाते हैं, ताकि घरवालों से लेकर आनेवाले मेहमानों तक का स्वागत अच्छे से किया जा सके, दीपावली की मिठाईयां भी लोग दीपावली के बाद कई दिनों तक खाते खिलाते हैं। लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण होने के कारण दीपावली के दूसरे दिन ही मिठाईयां बेकार हो जाएंगी। ये हम नहीं कह रहे हैं, ये तो सदा से होता आ रहा है, लोग ग्रहण के बाद खाने पीने की सभी चीजें हटा देते हैं।

 

जानकारी के अनुसार इस बार दीपावली के दूसरे दिन सूर्यग्रहण आ रहा है, इस कारण दीपावली तो लोग धूमधाम से मना लेंगे, लेकिन दूसरे दिन ग्रहण होने के कारण लोगों को फिर घर से लेकर खाने पीने तक के चूल्हे चौके तक की शुद्धता करनी पड़ेगी। क्योंकि यही नियम है कि ग्रहण के समय रखा हुआ भोजन इत्यादि नहीं खाना चाहिए। चूंकि दीपावली पर लोगों के घरों में कई तरह कि काफी मिठाईयां बनती है, इसलिए वे दूसरे दिन ही बेकार हो जाएंगी।

 

ये करें उपाय जानकारों की माने तो घर में तैयार की हुई मिठाईयां भी आज के युग में काफी महंगी पड़ती है, क्योंकि उसमें घी से लेकर ड्राय फ्रूट्स तक सब कुछ डाला जाता है, इसलिए ग्रहण के कारण मिठाईयां फेंकना तो मुनासिब नहीं है, ऐसे में आपको चाहिए कि जो मिठाईयां आपने बनाई हैं,

उनमें से उतनी ही निकाले जितनी उपयोग में आनी है, शेष मिठाईयों में तुलसी का पत्ता डालकर उसे डब्बा बंद करके रख दें, ये काम ग्रहण का सूतक लगने से पहले ही करदें, ताकि आपकी मिठाईयों पर सूर्य ग्रहण की परछाई नहीं पड़े, इसके बाद जब घर में सूर्यग्रहण पूर्ण होने के बाद शुद्धी करण हो जाए, तभी उन डब्बों में से मिठाईयां निकालें।

 

ग्रहण और मोक्ष का समय

खंडग्रास सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर सूतक 25 अक्टूबर प्रात: 4.43बजे ग्रहण का स्पर्श दोपहर 4.43 बजे मोक्ष शाम 6.41 बजे

 

ग्रस्तोदित खग्रास चंद्रग्रहण 8 नवंबर सूतक 8 नवंबर सुबह 5.30 बजे से ग्रहण स्पर्श दोपहर 2.39 बजे से मध्य शाम 4.33 बजे मोक्ष 6.23 बजे

 

24 अक्टूबर को दिवाली मनेगी

इस वर्ष दिवाली पर सूर्यग्रहण का साया रहेगा। इससे चतुर्दशी युक्त अमावस्या 24 अक्टूबर को दिवाली मनेगी। 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण रहेगा। गोवर्धन पूजा, अन्नकूट 26 अक्टूबर को होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 27 वर्ष बाद ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है। इससे पहले वर्ष 1995 में दिवाली के दिन सूर्यग्रहण पड़ा था। इस वर्ष कार्तिक माह के एक पखवाडे़ में दो ग्रहण भी पड़ रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा देव दिवाली के दिन चंद्रग्रहण रहेगा।

 

25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण

ज्योतिषार्य सौरभ दुबे के अनुसार दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण होगा। इसका सूतक 24 अक्टूबर की रात 4.43 बजे से शुरू होगा। इस स्थिति में रूप चतुर्दशी और दिवाली का पर्व सोमवार 24 अक्टूबर को एक साथ मनाया जाएगा। सोमवार 24 अक्टूबर को चतुर्दशी तिथि दोपहर 4.34 बजे तक है। इसके बाद अमावस्या (दिवाली) प्रारंभ होगी, जो अगले दिन दोपहर 4.4 बजे तक रहेगी। ऐसे में पर्वकाल (प्रदोषकाल) में अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को होने से दिवाली का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। मंगलवार 25 अक्टूबर कार्तिक कृष्ण अमावस्या को स्वाति नक्षत्र तुला राशि पर खंडग्रास सूर्यग्रहण दृश्य होगा।

 

दिवाली का पूजन ज्योतिषाचार्य सौरभ दुबे ने बताया कि मतानुसार दिवाली का पूजन 24 अक्टूबर को दिनभर अलग-अलग मुहूर्त में किया जा सकेगा। ग्रहण काल का सूतक प्रारंभ होने के पूर्व प्रात: 4.43 बजे के पूर्व तक दिवाली पूजन किया जाना शास्त्र सम्मत है।

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