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पुलिस अफसर और नेताओ के गठजोड़ का शराब कारोबारियों के बीच हिस्सेदारी

कानून व्यवस्था खतरनाक मुहाने पर खड़ी हुई है

मऊगंज जिले में पहाड़ी में शराब कारोबारी पिंटू साकेत, सोनू कबाड़ी,सोनू गुप्ता, शैलेन्द्र द्विवेदी ने अपने ही पार्टनर छोटू गुप्ता के ऊपर चलाई गोली रात 11 से 12 की बात सारा नजारा कैमरे में कैद बताया जा रहा लेकिन देखा जाय तो इस घटना की कहानी और ही बयां कर रही है। दरअसल नईगढ़ी शराब दुकान के फरार कारोबारी और हनुमना शराब के कारोबारी के बीच एक दूसरे के क्षेत्र में पैकारी को लेकर छिड़ी बर्चस्व की जंग पुलिस अफसर और नेताओ के गठजोड़ की शराब कारोबारियों के बीच हिस्सेदारी से कानून व्यवस्था खतरनाक मुहाने पर खड़ी हुई है जिससे जिले में भय और आतंक का माहौल मऊगंज जिले में शराब माफियाओं द्वारा एक दूसरे को निपटाने के लिए रची जा रही बड़ी साजिश,सूत्रों के हबाले से आ रही बड़ी खबर जहां हनुमना शराब ठेकेदार ने पुलिस अधिकारी के साथ बनाई स्क्रिप्ट और अपने ही पार्टनर के सीने में गोली दागने की तैयार किया फिल्म,यह सिर्फ नईगढ़ी ठेकेदार को कई गम्भीर आरोपों में फंसाकर पिन्टू साकेत के कारोबार को नेस्तनाबूद कर उस पर कब्जा जमाने की तैयारी है।

ऐसे में इस पूरे मामले की गम्भीरता से जांच कराई जाय तो घटना को लेकर यह जो बताया जा रहा है कि गोली गाड़ी के ड्राइवर साइड के कांच पर लगी है पर खोखा गाड़ी के दूसरे साइड पीछे पड़ा मिल रहा है।

जबकि होना चाहिए की गोली चली है तो खोखा भी उसी साइड होना चाहिए। जिसको गोली दागी गई वह बिल्कुल साफ बच गया यहां तक गाड़ी के शीशे भी चोटिल नहीं हुआ है।

फरार आरोपियो को फंसाने साजिश की आ रही है बू, हकीकत रुबरू होने एसडीओपी सहित थाना प्रभारी शाहपुर पहुंच गए मौके पर

मऊगंज में बड़े शराब कारोबारियों के संरक्षण में नाचते कुछ पुलिस कर्मी!
आदिवासी महिला को शासकीय शराब दुकान लेना पड़ रहा है भारी!
फर्जी और मनगढ़ंत घटनाओं से बिखर गया पूरा कुनबा!
आज मऊगंज जिला में फिर गोली चलने की मनगढ़ंत घटना जिला के बड़े और नामी शराब कारोबारियों ने रची!
और उनके टुकड़ों में पलने वाले कुछ तथाकथित पीडीएफ छाप पत्रकार झूठी और मनगढ़ंत खबर को वायरल कर पुलिस प्रशासन के ऊपर सवाल खड़ा कर रहे हैं!
इसके पूर्व भी मऊगंज जिला में फर्जी गोली कांड का मामला रचा गया बताया गया की पहाड़ी में नईगढ़ी शराब दुकान के संचालको द्वारा गोली चलाई गई और आज एक बार फिर गोली चलने की झूठी खबर को वायरल किया जा रहा है!
सवाल यह खड़ा हो रहा है की!
जब नईगढ़ी शराब दुकान के संचालक और उनके गुर्गों द्वारा गोली चलाई जाती है!‌ तो आज तक इस गोलीकांड में कोई हताहत क्यों नहीं हुएं!
आखिर गोली चलने के बाद गोली से निकलने वाले खोखे गाड़ी के अंदर ना जाकर दूर क्यों मिल रहें हैं

दरअसल मामला यह है?

नईगढ़ी में संचालित शासकीय शराब दुकान जो एक आदिवासी महिला को मार्च 2024 में मिला इसके पूर्व नईगढ़ी शराब दुकान में जिले के बड़े शराब कारोबारी जो आज फर्जी गोलीकांड की मास्टर माइंड है उनको मिलती थी! एक आदिवासी महिला को शासकीय शराब दुकान मिलने पर बौखलाएं शराब कारोबारियों ने पुलिस प्रशासन के एक महिला राजपत्रित अधिकारी के साथ मिलकर सुनियोजित तरीके से मनगढंत घटना को अंजाम देते हैं! और फिर उसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा एक के बाद एक फर्जी अपराध लगाकर आदिवासी महिला के सारे बिजनेस पार्टनरो पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने का काम किया जा रहा है!

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