अग्रवाल नर्सिंग होम संचालक की कुंडली तैयार डिलीवरी के दौरान ब्लेडिंग की बजह से हो गई थी महिला की मौत मृतिका के पति ने डॉक्टर पर लगाये थे लापरवाही का आरोप , 2.5 साल में विवेचना हुई पूर्ण न्यायालय में जमा हुआ चालान
एमपी के रीवा में प्रशांत सिंह पत्नी के मौत के जिम्मेदारी को सलाखों के पीछे पहुचाने के लिए रीवा से लेकर दिल्ली और भोपाल में अधिकारियों और नेताओं के दरबाजे खतखटाये है तब जाकर कही उनकी फरियाद सुनी गई प्रशांत की माने तो 2.5 वर्ष पूर्व पत्नी को डिलीवरी के लिए अग्रवाल नर्सिंग होम में भर्ती कराया था जहां डॉक्टरों ने काफी लेट उपचार करना शुरू किया जिसके बाद महिला ने नवजात बच्ची को जन्म दिया मगर ब्लेडिंग जादा होने के बजह से महिला को बचाया नहीं जा सका और महिला की मौत हो गई थी जिसके बाद अग्रवाल नर्सिंग होम में काफी बबाल हुआ था, मौके पर APSU पुलिस ने पहुँच कर हंगामे को शांत कराया था ।
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पुलिस FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी और 2.5 साल बाद जांच कंप्लीट कर कोर्ट में चालान पेश किया है। प्रशांत सिंह निवासी ग्राम माड़ो जिनकी पत्नी की मृत्यु अग्रवाल नर्सिंग होम में 25 अक्टूबर 2020 में हो गई थी। प्रशांत सिंह ने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी की मृत्यु डॉ. निशा अग्रवाल, डॉ. ईशान गोयल और अग्रवाल नर्सिंग होम की घोर अव्यवस्थाओं के कारण हुई है। जिसके बाद इस मामले का संज्ञान मानवा अधिकार आयोग, महिला आयोग, मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से कलेक्टर को जांच करने का फरमान आया था। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर इलैयाराजा टी द्वारा गठित 7 सदस्यी टीम की जांच के उपरांत रिपोर्ट सबके सामने आई।
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जांच रिपोर्ट में यह सिद्ध हुआ कि प्रशांत सिंह की पत्नी विद्या सिंह की मृत्यु अग्रवाल नर्सिंग होम एवं उसके डॉक्टरों की घोर लापरवाही तथा अव्यवस्था कारण हुई थी। जांच में यह सिद्ध हुआ कि विद्या सिंह की मृत्यु डॉ. निशा अग्रवाल, डॉ. ईशान गोयल के घोर लापरवाही के कारण हुई। जांच टीम के द्वारा इन डॉक्टरों का बयान भी लिया गया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद रीवा पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अग्रवाल नर्सिंग होम के डॉक्टरों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज हुई।
और 2.5 साल बाद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में 250 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की गई है। अब डॉ. अरुण अग्रवाल, डॉ. निशा अग्रवाल, डॉ. ईशान गोयल और राघवेंद्र शुक्ला जमानत में होंगे और कोर्ट ट्रायल का सामना करेंगे।