मध्य प्रदेश के रीवा निवासी सीनियर साइंटिस्ट तरुण सिंह का चंद्रयान की सफलता में अहम योगदान
रीवा। चंद्रयान की उपलब्धि से पूरा देश गौरांवित है। रीवा के सीनियर साइंटिस्ट तरुण सिंह का इस मिशन में बड़ा योगदान रहा है। पिछले 4 सालो से इसरो ने तरुण सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी रखी थी। तरुण सिंह की निगरानी में ही चंदायन से तस्वीरें पहुंचेगी। रीवा के एक छोटे से गांव इटौरा गढ़ में पल बढ़कर बड़े हुए तरुण सिंह ने देश को गौरांवित कर दिया। तरुण सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा गांव में प्राप्त की उसके बाद सैनिक स्कूल रीवा एसजीएसआइटीएस इंदौर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद इसरो से जुड़ गए। 15 वर्ष पहले तरुण सिंह की ज्वाइनिंग तिरुवंतपुरम में हुई लेकिन स्वास्थ्य कारणों के चलते अहमदाबाद में तबादला कराया। पिछले 4 सालो से अहमदाबाद में तरुण सिंह चंद्रयान 3 के मिशन में काम कर रहे थे।
इसरो ने तरुण सिंह को पेलोड क्वालिटी इंश्योरेंस की जिम्मेदारी दी गई थी।
यह सेटेलाइट में लगने वाला कैमरा होता है को चंद्रमा की तस्वीरें खींच कर डाटा कोड में भेजेगा। तरुण सिंह के पिता दिलराज सिंह शिक्षक थे। तरुण सिंह आठ भाईयो में 7 नंबर के है। बड़े भाई शिक्षक विनोद सिंह ने इनकी परवरिश की और पढ़ा लिखकर इस लायक बनाया। इस मुकाम में देखकर बड़े भाई की खुशी का ठिकाना नही रहा है।
विनोद आपने आपको गौरवनित महसूस कर रहे है। वही दूसरी और चंद्रयान की सफलता पूर्वक लैंडिंग के लिए महामृतुंजय मंदिर में रुद्राभिषेक किया गया। महाराजा पुष्पराज सिंह 21 पंडितो के साथ पूजा अर्चना की और सफलता में खुशी जाहिर की। इसकी जानकारी उनके घर वालो को भी नही थी।