रेनबो हास्पिटल सतना मरीजों का चूस रहा खून

डाक्टरों को भगवान माना जाता है लेकिन रेनबो हास्पिटल बना सिर्फ कमाई का Nursing होम

सतना:- सतना के भरहुत नगर में स्थित रेनबो हास्पिटल का हाल इन दिनों ऐसा है मरीज को नार्मल शर्दी जुकाम बुखार होने पर जांच तो होती ही है ! य़दि जांच रिपोर्ट सही है तो तेज वायरल का हवाला देकर मरीज को एडमिट कर दिया जाता है !

जिले के आस पास की भोली भाली जनता डाक्टर साहब के बताएं अनुसार मरीज को भर्ती कराते ही है! क्योंकि डाक्टर साहब भगवान के दूसरे रूप है !और जब तक मरीज/या उनके परिजन अपने से नहीं बोलते हैं की डाक्टर साहब छुट्टी दे दीजिए तब तक
मरीज को तीन तरफ से लूटा जाता है

एक मरीज की अनावश्यक जांच करा कर दूसरी तरफ निजी मेडिकल स्टोर से एमआरपी रेट पर दवाईयां बेचकर और जितने दिन मरीज़ एडमिट रहेगा तो नर्सिंग होम का बेड चार्ज तो देगा ही

ऐसी स्थिति में हास्पिटल प्रबंधन को लगता है मरीज जितने लम्बे समय तक नर्सिंग होम में एडमिट रहेगा उनके व्यापार की उतनी ही तरक्की होगी!

हास्पिटल प्रबंधन व्दारा भर्ती मरीजों के लिए डाक्टरों की राउंड फीस सहित अलग अलग फीस जोड़ कर एक दिन की कुल राशि निर्धारित की जाती है!

अब सवाल यह पैदा होता की जिस तारीख को मरीज डाक्टर को दिखाया और 400/– रूपए फीस दी उसी दिन मरीज़ को इसी निजी हास्पिटल में मरीज को भर्ती कराया गया और जो भर्ती मरीजों की निर्धारित शुल्क है उसमें भी डाक्टर साहब की फीस जुड़ी हुई होती है!

 

इस स्थिति में उसी डाक्टर व्दारा संम्बन्धित मरीज के ऊपर डाक्टर की फीस के नाम पर दोहरी मार दी जाती है और मरीज सबकुछ जानने के बाद भी कुछ नहीं बोलता की डाक्टर साहब तो भगवान के दूसरे रूप है अब भगवान से कौन टीका टिप्पणी करें!

आखिर कब तक इलाज के नाम पर जनता लुटती रहेगी?

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