
private hospital License cancelled: 12 प्राइवेट अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त, तत्काल इलाज पर रोक
जबलपुर। न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल अग्निकांड में आठ लोगों की मौत के मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व फायर सेफ्टी ऑफीसर के निलंबन के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। बुधवार रात स्वास्थ्य विभाग ने बिना फायर एनओसी के संचालित शहर के 12 निजी अस्पतालों का पंजीयन निरस्त कर दिया। अब इन अस्पतालों में नए मरीजों का इलाज नहीं हो सकेगा। जो मरीज भर्ती हैं, उन्हें भी दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा।
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स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन द्वारा गठित टीम शहर के सभी अस्पतालों की जांच कर रही है। शहर के जिन अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की है, वे साठगांठ से बिना फायर एनओसी सहित मान्यता सम्बंधी औपचारिकताओं को पूरा किए बिना संचालित हो रहे थे। इन अस्पतालों में वैकल्पित निकास द्वार नहीं है। आपात स्थिति से निपटने के पर्याप्त इंतजाम भी नहीं हैं। ऐसे में यहां पर आगजनी समेत दूसरी घटनाओं की आशंका बनी रहती थी। प्रारंभिक जांच के बाइ इन अस्पतालों का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यदि ये अस्पताल पंजीयन निरस्त होने के बाद भी संचालित हुए तो संचालकों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।
इन अस्पतालों पर हुई कार्रवाई 1. जगदीश चिल्ड्रन हॉस्पिटल डॉ. जेठी, समीक्षा टाउन कांचघर
2. जीवन ज्योति हॉस्पिटल (डॉ. ए.के.जैन), मेन रोड अधारताल
3. डॉ. कावेरी शॉ विजया वूमेन क्लीनिक एण्ड हॉस्पिटल, बंदरिया तिराहा रामपुर
4. प्राची नर्सिंग होम, शीतलामाई रोड
5. कुमार हॉस्पिटल (डॉ. कपिल कुमार) मालवीय चौक
6. स्टार हॉस्पिटल, यातायात थाना, गुरुद्वारा के सामने
7. निर्मल हॉस्पिटल, कांचघर
8. शाफिया हॉस्पिटल
9. अभिनंदन हॉस्पिटल, अधारताल
10. आदर्श हॉस्पिटल, रद्दीचौकी
11. कामाख्या हॉस्पिटल, सुहागी
12. सरकार हॉस्पिटल, करमचंद चौक
संयुक्त कमेटी गठित कर चार दिन में दें रिपोर्ट निजी अस्पतालों की जांच के लिए सभी जिला कलेक्टर संयुक्त कमेटी गठित करेंगे। संभागीय आयुक्त बी चंद्रशेखर ने वीडियो कांफ्रेसिंग में कहा कि सभी कलेक्टर अपने जिले में पंजीकृत निजी अस्पतालों की सुरक्षा, फायर एनओसी की जांच के लिए सम्बंधित एसडीएम, स्वास्थ्य अधिकारी, स्थानीय निकाय के फायर सेफ्टी अधिकारी, विद्युत सुरक्षा विभाग अथवा विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारी की सयुंक्त टीम गठित करें। कमेटी को तीन-चार दिन में जांच पूरी करने के लिए कहें। उन्होंने निजी अस्पतालों की जांच के लिए फायर एनओसी के आवश्यक मापदंडों से सबंधित चेक लिस्ट बनाने के लिए भी कहा। सम्भायुक्त ने कहा कि जांच के दौरान कमियां मिलने पर संबंधित अस्पताल को सुधार के लिए नोटिस करें। इसके बाद भी कमियां दूर करने पर उनका पंजीयन निरस्त करें।