हनुमना RTO में गुंडागर्दी के आतंक को छिपाने रखी गई प्रेस वार्ता ?
अक्सर विवादों के साथ सुर्खियों में रहने वाले हनुमना आरटीओ प्रभारी निरीक्षक रवी मिश्रा द्वारा प्रेसवार्ता कर अपने अवैध वसूली के काले कारनामे को छुपाने के लिए प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया था
उक्त प्रेस वार्ता की खबर कई प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर प्रकाशित की गई! बीते दो दिन पूर्व ही रीवा टाइम्स न्यूज चैनल के माध्यम से आप सब ने एक ट्रक ड्राइवर के आडियो के माध्यम से आप सब ने सुना है कि किस तरह आरटीओ चेकिंग के नाम पर इस इस आरटीओ के गुंडे के नाम से मशहूर नीरीक्षक रवी मिश्रा के अवैध वसूली का आतंक चल रहा है!
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी अवैध वसूली के काले धन का कलयुगी कुबेर रवी मिश्रा अब कई करोड़ का आसामी बना है! अवैध कमाई और राजनैतिक संरक्षण के चलते इस कालेधन के कलयुगी कुबेर के आतंक का शिकार वाहन मालिक और ट्रक ड्राइवर हों रहें हैं! अब विचारणीय है कि जब ऐसे धन कुबेरों को सत्ता और सत्ता में में बैठे स्थानीय नेता का राजनैतिक संरक्षण मिल जाएगा तो वाहन मालिक और ट्रक ड्राइवरों के साथ अवैध वसूली कैसे रूक सकतीं हैं!
प्रिंट मीडिया के एक दैनिक पेपर नव स्वदेश के छपी खबर के अनुसार हनुमना आरटीओ निरीक्षक यह खुद स्वीकार कर रहे कि जब हनुमना में आरटीओ बैरियर संचालित था तो लगभग 500 से अधिक लोग अनैतिक दबाव देकर आर्थिक लाभ लिया करते थे
बैरियर बंद होने से उन लोगों पर व्यापक आर्थिक असर पड़ा है। तो एआरटीओ नीरीक्षक रवि मिश्रा पर अक्सर लगने बाले गम्भीर आरोप उन्ही की जुबानी में इस बात को प्रमाणित करता है कि चेक पोस्ट में करोड़ों की अबैध बसूली होती थी !
जिसके कारण वह उस कमाई का बड़ा हिस्सा मंत्री विधायक के साथ सफेदपोश नेताओं और उनके कथित चमचों को बांटने के लिए विवश थे।
यदि वह खुद ईमानदार और किसी प्रकार की भ्र्स्ट गतिविधियों में शामिल नहीं थे तो 500 की संख्या में ब्लैकमेलिंग करने बालो के हांथो की कठपुतली क्यो बने रहे । और इन लोगो के खिलाफ उस वक्त क्यो नही मुंह खोला ऐसा इसलिए कि चेक प्वाइंट में चल रही अवैध बसूली से सत्ता पक्ष के धरनावीर मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल को विश्वास में नही लिया तो उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से मोर्चा खोल दिया और मारपीट जबरन वसूली के शिकार ड्राइवर ने एआरटीओ के आरोपी कर्मचारियों के द्वारा उससे कही गई बातों का जिस तरह से लिखित शिकायत में अवैध बसूली के रुपये मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री तक रुपये पहुंचने का जिक्र किया गया है।
और इस मुद्दे पर मऊगंज विधायक के करीबी नगर परिषद अध्यक्ष और मण्डल अध्यक्ष सहित कई अन्य नेता ड्राइवर के समर्थन में उतरते हुए FiR दर्ज कराने के बाद ही दम लिया है। ऐसा विधायक के ही दबाव में पुलिस करने के लिए विवश हुई।
अन्यथा वह आरोपियों के साथ ही सत्ता पक्ष के नेताओं की भूमिका का खुलासा नहीं किया होता। जिसके बाद से सुशासन की बात करने बाले मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पर एआरटीओ की अबैध बसूली का ठीकरा नही फूटता जिसके दाग के छीटे उन तक पहुंच गए हैं। जिसकी बजह से मोहन सरकार कठघरे में खड़ी है।
सत्ता का संरक्षण प्राप्त इस धन कुबेर को लेकर अभी और कई खुलासे होने बाकी है जो बहुत जल्द ही हमारे चैनल के माध्यम से आप सब के बीच उजागर होंगे!