
रीवा के प्रार्थना हॉस्पिटल में अस्पताल और डॉक्टर की लापरवाही से गर्भवती महिला की मौत, परिजनों ने की डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग.
रीवा: प्रार्थना हॉस्पिटल (नया बस स्टैंड के पीछे) में इलाज के दौरान गर्भवती महिला अंजली सिंह की मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। परिजनों ने डॉ. सोनल अग्रवाल और अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।
परिजनों के अनुसार, अंजली की नॉर्मल डिलीवरी संभव थी, लेकिन डॉक्टर ने पैसों के लालच में जबरदस्ती सीजेरियन करने का निर्णय लिया। ऑपरेशन के बाद महिला की तबीयत बिगड़ती चली गई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उचित इलाज न देकर केवल मृतक महिला की हेल्थ बीमा राशि की स्वीकृति का इंतजार किया। जबकि मृतक महिला लगातार डॉक्टर सोनल अग्रवाल से इलाज करवा रही थी.
जानते हैं क्या है पूरा मामला?
पीड़िता के ससुर अरुण सिंह बिसेन के अनुसार, डॉक्टर सोनल अग्रवाल से लगातार इलाज करवा रही उन्हीं बहू को 4 फरवरी के दिन डॉक्टर सोनल अग्रवाल ने पानी की कमी का हवाला देकर भर्ती कर लिया। रात 10:48 बजे डाक्टर सोनल अग्रवाल के कहने पर बहू अंजली के ऑपरेशन से बच्ची का जन्म हुआ और डॉक्टर द्वारा बताया गया कि मां-बच्ची दोनों स्वस्थ हैं। इसके बाद जब अधिकांश परिजन घर चले गए तब कुछ देर बाद अचानक अंजली की हालत बिगड़ने की जानकारी दी गई.
परिजनों ने डॉक्टर तथा अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि ब्लीडिंग रोकने के बजाय डॉक्टरों ने लापरवाही बरती और इलाज में देरी की। यहां तक कि महिला की बच्चेदानी निकालने के बाद भी उन्हें समय पर रेफर नहीं किया गया। बार–बार 10 यूनिट ब्लड मांगा जा रहा था । फिर कहा गया कि आप इन्हें कहीं और के जाओ पर जा तभी सकते हो जब यहां का पूरा भुगतान के दोगे । भुगतान की राशि बनी एक लाख नौ हज़ार सात सौ पचास रुपए । क्योंकि महिला का हेल्थ बीमा था इस लिए अस्पताल प्रबंधन पहले भुगतान के लिए अड़ा रहा। सुबह तक परिजन अस्पताल से अंजली को जबलपुर ले जाने के लिए संघर्ष करते रहे, लेकिन बिल भुगतान की शर्त रखी गई। साढ़े चार घंटे तक अंजली को बिना इलाज के रखा गया और अंततः अब हालात कंट्रोल से बाहर हो गई तो 5 बजे उसे जबलपुर के सैल्बी हॉस्पिटल भेजा गया, जहां एक दम नाजुक हालत में भर्ती करवाया गया जिंदगी मौत से लड़ रही अंजली की 14 फरवरी को मृत्यु हो गई।
प्रार्थना हॉस्पिटल के विरुद्ध कार्यवाही और न्याय की मांग कर रहे परिजन
परिजनों का कहना है कि डॉ. सोनल अग्रवाल और प्रार्थना हॉस्पिटल की लापरवाही के कारण अंजली की जान गई। उन्होंने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
बता दें कि डॉक्टर सोनल अग्रवाल के विरुद्ध पूर्व में एक अन्य प्रकरण में संजय गांधी हॉस्पिटल में भी लापरवाही पूर्वक कार्य करने के कारण विभागीय जांच भी हो चुकी है ।
एक मामले में निवर्तमान विधानसभा अध्यक्ष तक को मामले में आवाज उठानी पड़ी थी ।
वर्तमान मामले के कानूनी पहलू–
मेडिकल लापरवाही के मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 304A (गैर-इरादतन हत्या), धारा 338 (गंभीर चोट पहुंचाना), और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जा सकता है। यदि अस्पताल ने जानबूझकर रेफरल में देरी की, तो यह मेडिकल नेग्लिजेंस का स्पष्ट मामला बनता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में तत्काल जांच करनी चाहिए। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो डॉक्टर का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
प्रश्न यह भी उठ रहे कि डॉक्टर सोनल अग्रवाल और प्रार्थना हॉस्पिटल आखिर इतनी बड़ी लापरवाही किसकी सह में कर रहे ।
उस नवजात बेटी के सिर से मां का आंचल हटाने वालों के विरुद्ध क्या कठोर कार्यवाही होगी ।
इन्हें बचा कौन रहा है । क्या गरीब और पीड़ित जन इनके इसी तरह शौषण के शिकार होते रहेंगे ।
स्वास्थ्य मंत्री के विधानसभा क्षेत्र और उनके घर से केवल तीन किलोमीटर की दूरी में स्वास्थ्य क्षेत्र में इतनी बड़ी लापरवाही कैसे
आप को याद होगी एक घटना कुछ दिन पहले संजय गांधी अस्पताल में भी डॉक्टर की लापरवाही से पांच धात्री महिला अपनी याददाश्त खो चुकी हैं ।
आखिर रीवा के आम जन को कब बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी ।
प्रार्थना हॉस्पिटल जैसे लापरवाह संस्थान के विरुद्ध कब होगी कार्यवाही ।
इस मामले का शिकायती आवेदन समान थाने में दिया गया कब तक पुलिस मामले में कार्यवाही करेंगी ।