विभाग की तरफ से सख्त आदेश दिए गए हैं कि नगरीय क्षेत्रों में सीवर टैंक की सफाई मशीन द्वारा ही की जाए. प्रत्येक जिला स्तरीय नगरीय निकायों में गठित ईआरएसयू यह सुनिश्चित करें कि उनके अधीनस्थ प्रशिक्षित सीवर एंट्री प्रोफेशनल्स की टीम नियुक्त की गई है. साथ ही सीवर एंट्री प्रोफेशनल्स के लिए सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध हैं. सीवर एंट्री प्रोफेशनल्स द्वारा सफाई के लिए अनुमति तब ही दी जाए, जब मशीन द्वारा सफाई संभव नहीं हो. यदि किसी भी निकाय में निजी सेवा प्रदाताओं द्वारा सीवर एंट्री प्रोफेशनल्स की सेवा ली जाती है, तो उन्हें लिखित मे ईआरएसयू से अनुमति प्राप्त किया जाना और सुरक्षा उपकरण लिया जाना आवश्यक है.
क्षतिपूर्ति राशि देने के निर्देश
आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि सफाई के दौरान भारत सरकार द्वारा जारी एडवायजरी के नियमों का गंभीरता से पालन किया जाए. स्वच्छ भारत मिशन शहरी के मिशन संचालक अक्षय तम्रवाल ने सभी निकायों के प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सफाई मित्रों की सीवर लाइन या सीवर टैंक की सफाई के दौरान मृत्यु होने पर 30 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति राशि दी जाए. शारीरिक दिव्यांगता होने की स्थिति में राशि में 20 लाख रूपए दिये जाएं.
रीवा में रविवार को दो सफाई मित्रों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि सीवर टैंक की सफाई के दौरान रविवार शाम रीवा के बाणसागर कॉलोनी में दो सफाई मित्रों की मौत हो गई थी. इस घटना के आरोपी मकान मालिक के खिलाफ आईपीसी की धारा-304 एवं 336 के तहत एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है. बाणसागर कॉलोनी निवासी मोहम्मद जाबिर मंसूरी ने मृतक वीरेन्द्र उर्फ गोलू एवं मृतक राजकुमार नाहर की सुरक्षा का ध्यान रखे बिना और बिना सुरक्षा उपकरणों के लापरवाही पूर्वक सैप्टिक टैंक की सफाई करवाने के लिए टैंक में उतारा था.