नए आपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू होंगे, मध्यप्रदेश पुलिस तैयार

 

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम का सभी विवेचना अधिकारियों को दिया गया है गहन प्रशिक्षण

 

डीजीपी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की तैयारियों की समीक्षा

 

वीसी में सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और एसडीओपी रहे उपस्थित

 

प्रदेश के सभी पुलिस थानों में कार्यक्रम आयोजित कर किया जाए नए कानूनों का क्रियान्वयन : डीजीपी

 

डीजीपी  सुधीर सक्सेना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़े समस्त एडीजी/आईजी, रेंज डीआईजी एवं समस्त पुलिस अधीक्षकों से नए कानूनों के क्रियान्वयन की तैयारियों की जानकारी लेते हुए दिए आवश्यक निर्देश

 

देश भर में एक जुलाई से न्याय केंद्रित तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने जा रहे हैं। इसके क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश पुलिस तैयार है। तीनों कानूनों के क्रियान्वयन की तैयारी के संबंध में बुधवार को डीजीपी श्री सुधीर सक्सेना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की।

 

इस दौरान डीजीपी श्री सक्सेना ने कहा कि नए कनूनों की प्रक्रिया पर प्रशिक्षण शाखा द्वारा प्रदेश के 60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को गहन प्रशिक्षण प्रदान किया गया। साथ ही लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम तथा ऑनलाइन माध्यम से इस प्रशिक्षण को कॉन्टेबल स्तर तक भी पहुंचाया गया।

 

एफएसएल के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों का प्रशिक्षण हो चुका है। सीआईडी ने व्यापक एफएक्यू का निर्माण किया है एवं सीसीटीएनएस में तीनों कानून अपलोड किए जा चुके हैं। कुछ टेबल्स बनाई गई है, जिसकी मदद से आसानी से पुराने कानूनों के बदले नए कानूनों काे समझा जा सकता है। यह डिटेल टेबल्स कल तक पूरे प्रदेश में हर पुलिसकर्मी के मोबाइल में होना सुनिश्चित करें। हर थाने में पूरा एक्ट उपलब्ध हो तथा विवेचना अधिकारी के पास व्यक्तिगत रूप से भी हो यह सुनिश्चित करें।

 

कार्यक्रम आयोजित कर करें नए कानूनों का क्रियान्वयन : डीजीपी श्री सक्सेना ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार इन कानूनों को लेकर व्यापक जन जागरुकता भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई को प्रदेश के सभी थानों में कार्यक्रम आयोजित कर नागरिकों को नए कानूनों के प्रति जागरूक किया जाए। इन कार्यक्रमों में विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों को कानून के प्रति जागरूक करें।

 

यह सुनिश्चित करें कि कार्यक्रम में महिलाओं एवं बच्चों के अलावा युवा, विद्यार्थी, वरिष्ठ नागरिक, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्थानीय ग्राम एवं नगर रक्षा समिति, शांति समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों को आमंत्रित करें। इस दौरान उनकी जिज्ञासाओं और समस्याओं का समाधान भी करें। इन आयोजनों में एक्सपर्ट को भी बुलाया जा सकता है।

 

सभी एसपी से की वन टू वन चर्चा: डीजीपी श्री सक्सेना ने एडीजी/आईजी, रेंज डीआईजी एवं समस्त पुलिस अधीक्षकों से नए कानूनों के क्रियान्वयन की तैयारियों के संबंध में वन टू वन चर्चा की। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि नए कानूनों के बारे में अधिक से अधिक प्रचार किया जाए।

 

आरक्षक स्तर से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को इन कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी हो। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के क्रियान्वयन में मैदानी स्तर पर आगामी दिनों में और भी गंभीरता से प्रशिक्षण प्राप्त करें। यदि कोई भी शंका या जिज्ञासा हो तो वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त करें.

 

60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी प्रशिक्षित : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एडीजी ट्रेनिंग सुश्री सोनाली मिश्रा ने बताया कि नए कानूनों के संबंध में प्रदेश भर में 302 मास्टर ट्रेनर्स द्वारा 60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। एडीजी सीआईडी  पवन श्रीवास्तव ने बीएनएस, बीएनएसएस की परिभाषाओं और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी। एडीजी एससीआरबी श्री चंचल शेखर ने बताया कि नए कानूनों में तकनीक को बहुत महत्व दिया गया है।

 

इससे जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी और पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस में नए कानूनों को अपलोड कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने आईसेजेएस, संकलन एप्प, साक्ष्य एप्प, ई-विवेचना एप्प के बारे में जानकारी दी।

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