MP Weather News: मानसून मेहरबान, रीवा, शहडोल, सागर, जबलपुर संभागों में झमाझम बारिश के आसार
MP Weather Update: भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर संभागों के जिलों में भी बौछारें पड़ने की संभावना है।
कम दबाव का क्षेत्र छत्तीसगढ़ के आसपास आ गया है। इसके अलावा मानसून द्रोणिका भी मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। जिसके चलते प्रदेश के अधिकतर जिलों में रुक-रुककर बारिश होने का सिलसिला शुरू हो गया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शनिवार, रविवार को प्रदेश में अनेक स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। विशेषकर रीवा, शहडोल, सागर, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है।
MP WEATHER UPDATE : जबलपुर, रीवा, इंदौर, उज्जैन, भोपाल और शहडोल संभाग में बूंदाबांदी होने की संभावना
यहां बरसा पानी
उधर पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पचमढ़ी में 104, जबलपुर में 89.3, नरसिंहपुर में 72, खजुराहो में 68.6, बैतूल में 59.6, उमरिया में 45, रायसेन में 43, सिवनी में 37.8, भोपाल में 36.5, दतिया में 31.2, मंडला में 28, मलाजखंड में 27.4, नर्मदापुरम में 27.2, सागर में 25.7, छिंदवाड़ा में 19.4, सीधी में 1, खरगोन में 12, नौगांव में सात, ग्वालियर में सात, गुना में 5.3, दमोह एवं टीकमगढ़ में पांच, इंदौर में 2.5, खंडवा एवं शिवपुरी में दो, उज्जैन में 0.4 मिलीमीटर बारिश हुई।
यहां-यहां सक्रिय हैं वेदर सिस्टम
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक ओडिशा के आसपास बना कम दबाव का क्षेत्र अब उत्तरी छत्तीसगढ़ के आसपास बना हुआ है। मानसून द्रोणिका भी अब सामान्य स्थित से नीचे आ गई है। वर्तमान में यह गंगानगर, नारनोल, दतिया, सतना से लेकर छत्तीसगढ़ पर बने कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इसके अतिरिक्त उत्तर-पश्चिमी मप्र पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है।
सोमवार से घट सकती हैं मानसून की गतिविधियां
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून द्रोणिका के मप्र में आने से मानसून की गतिविधियों में और तेजी आने लगी है। शनिवार-रविवार को शहडोल, रीवा, जबलपुर, सागर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है। इसके अलावा भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर संभागों के जिलों में मध्यम स्तर की वर्षा होने के आसार हैं। सोमवार से मानसून की गतिविधियों में कुछ कमी आने लगेगी। हलांकि 24 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में एक अन्य चक्रवात के बनने की भी संभावना है।