पद्मश्री चित्रकार जोधइया बाई के पास नहीं है खुद का पक्का मकान
नारी सम्मान के समय 10 माह पहले पीएम मोदी ने दिया था आश्वासन अफसरों ने कहा- सर्वे सूची में नाम नहीं
उमरिया:गणतंत्र दिवस पर घोषित पद्मश्री सम्मान से नवाजी गईं 85 वर्षीय जोधइया बाई बैगा निवासी लोढ़ा को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ न मिलने का मामला उमरिया से लेकर भोपाल तक सुर्खियां बटोर रहा है। बैगा प्लस योजना में शामिल नहीं है। जोधइया बाई बैगा आर्ट चित्रकारी से देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का फिलहाल बड़े बेटे सुरेश बैगा के साथ रहती हैं।
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लोहा मनवा चुकीं जोधइया बाई एक सीट लगे कच्चे मकान में रहती हैं। खास बात यह है कि आठ मार्च को राष्ट्रपति से राष्ट्रीय नारी शक्ति सम्मान मिलने के बाद बैगा चित्रकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के दौरान आवास की मांग की थी। 10 माह बाद भी प्रधानमंत्री का आश्वासन मूर्त रूप नहीं ले पाया। इस संबंध में जनपद सीईओ केके रैकवार का कहना है जोधइया बाई के परिवार में दो बच्चों को योजना का लाभ मिला है। नाम सर्वे सूची व आवास
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कच्चे मकान के सामने बैठी जोधइया बाई
देश-विदेश में लग चुकी है प्रदर्शनी– एक छोटे से गांव लोढ़ा से निकलकर पदमश्री तक वृद्ध आदिवासी चित्रकार का जीवन सफर प्रेरणादायी है। नाबालिग उम्र में शादी होने के बाद कम उम्र में पति का स्वर्गवास हो गया था। लकड़ी बेचकर, दूसरों के यहां मजदूरी कर बच्चों को पाला पोसा। 67 वर्ष की उम्र में शांति निकेतन विश्वविद्यालय से चित्रकला में पारंगत आशीष स्वामी के जनगण तस्वीर खाना से जुड़ने के बाद उन्होंने चित्रकला सीखी।