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69 कॉलेजों की जिम्मेदारी प्रभारी प्राचार्यों पर, केवल 2 कॉलेज में हैं नियमित प्राचार्य कार्यालय प्रतिनिधि ,रीवा इन कॉलेजों में है नियमित प्राध्यापक

प्रदेश में उच्च शिक्षा की स्थिति बेहद दयनीय है

MP NEWS : प्रदेश में उच्च शिक्षा की स्थिति बेहद दयनीय है ,कहने को तो राज्य में नई शिक्षा नीति लागू कर न हायर एजुकेशन को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन इसकी हकीकत कुछ और है। महाविद्यालयो की स्थिति यह है कि पिछले 20 साल से यहां पदस्थ प्राध्यापकों का प्रमोशन तक नही हुआ। प्रमोशन की आस लिए तो प्रदेश के करीब 1 लाख से अधिक प्राध्यापक 20 साल में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसी कड़ी में रीवा और शहडोल संभाग के 71 कॉलेजों में से 69 कॉलेज तो प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे चल रहे हैं। इसका सिर्फ एक कारण है वह है प्राध्यापकों का प्रमोशन न किया जाना। माना जा रहा है कि अभी आने वाले समय में प्राध्यापकों को अभी और अधिक प्रमोशन की राह देखनी होगी साथ ही कॉलेजों को भी नियमित प्राचार्य की नियुक्ति के लिए इंतजार करना होगा।



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रीवा और शहडोल संभाग को मिला कर 8 जिले 20

हैं। इन आठ जिलों को मिला कर 71 शासकीय कॉलेज हैं। बताते हैं कि इन 71 शासकीय कॉलेजों में से केवल 2 कॉलेजों में ही नियमित प्राचार्य है। शेष बचे 69 कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्य पदस्थ न है। जिन दो कॉलेजों में नियमित प्राचार्य है उसमें शासकीय कन्या महाविद्यालय शहडोल और क उमरिया जिले में स्थिति शासकीय रणविजय सिंह कॉलेज शामिल है।

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रीवा में भी नहीं हैं नियमित प्राचार्य

बताया गया है कि रीवा जिले के किसी भी कॉलेज में नियमित प्राचार्य नहीं है। यहां नैक ग्रेड प्राप्त शासकीय टीआरएस कॉलेज और मॉडल साइंस कॉलेज भी है। इन कॉलेजों में भी वर्षों से नियमित प्राचार्य पदस्थ नहीं है,

रीवा और शहडोल संभाग के अंतर्गत 71 कॉलेज आते हैं, जिसमें से 69 कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्य पदस्थ हैं। प्रमोशन न होने के कारण महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्यों की कमी है।

प्रो. पंकज श्रीवास्तव,

अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा रीवा

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