मऊगंज न्यूज़ : आजादी के 75 साल बाद भी पेड़ के नीचे संचालित पाठशाला

1971 में दी गई थी जमीन अब तक नहीं बना भवन

मऊगंज : आज के इस दौर में शिक्षा जहां हमारी प्राथमिकता है ज्ञान के बिना मनुष्य पशु के समान है ज्ञान प्राप्त करने विद्यालयों का निर्माण किया गया इस दिशा में सरकार रोज प्रयास कर रही है कि शिक्षा के माध्यम से देश अपनी तरक्की कर सके मानव जीवन शैली में शिक्षा का विशेष महत्व है शिक्षा से ही जहां हम चांद में पहुंच चुके हैं किंतु धरती का चांद अब पेड़ के नीचे है

मामला नवीन जिला मऊगंज के ग्राम घुरेहटा वार्ड 14 नगर परिषद का है सन 1971 में प्राथमिक पाठ शाला घुरेहटा ध्वजाराम के लिए शंभू प्रसाद मिश्र द्वारा 05 डिसमिल जमीन विद्यालय भवन के लिए दान दी गई थी

जिसके संबंध में कई बार उनके वंशजों द्वारा तहसील का चक्कर लगाया गया किं इस अंस करवा की जमीन को शाला भवन के लिए दस्तावेजों में दर्ज हो जाएं ठंडी और बरसात के मौसम में भी यह प्राथमिक पाठशाला पेड़ के नीचे कई वर्षों से संचालित है मऊगंज मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूरी पर नगर परिषद का यह प्राथमिक पाठशाला पेड़ के नीचे संचालित है वर्ष 2016 के पूर्व में बने कच्चे भवन पर यह साला संचालित थी

2016 में यह भवन क्षतिग्रस्त हो गया उक्त जमीन दाता के वंशज श्रीनिवास मिश्र द्वारा नगर पंचायत में भी इसकी सूचना दी गई थी सूचना करता द्वारा बताया गया कि इस संबंध में तहसील कार्यालय में कई बार जमीन का पट्टा कराने आवेदन दिया गया

2020 में स्टांप में जमीन मांगी गई फिर 2022 में नोटरी के माध्यम से जमीन मांगी गई किंतु तहसील कार्यालय से आज तक किसी के द्वारा जमीन के संबंध में निरीक्षण नहीं किया गया और दान पत्र नहीं तैयार हो सका जिसके कारण भवन ना होने से आज भी पेड़ के नीचे कक्षाएं चल रही है जनसुनवाई के दौरान जमीन दाता के परिजनों ने कलेक्टर अजय श्रीवास्तव को मांग पत्र दिया गया ताकि विद्यालय की जमीन दस्तावेजों में दर्ज हो जाए और बच्चों के पढ़ने के लिए भवन का निर्माण किया जाए

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