एमपी के इस बड़े डैम के 14 गेट में लीकेज, कहीं फूट न जाए ये बांध

रायसेन. मध्यप्रदेश के एक बड़े डैम के अधिकतर गेटों में बड़े-बड़े लीकेज हो गए हैं, डैम की दीवारों में दरारें आ गई है, कहीं प्लास्टर उखड़ गया है, तो कही गड्डे होन से हादसे का भय बना रहता है, कहीं ऐसा न हो कि धार जिले के कारम डैम की तरह ये डैम भी किसी दिन हादसे का कारण बन जाए, क्योंकि डैम की हालत देखकर ही मरम्मत नहीं होने पर किसी बड़ी अनहोनी का इशारा नजर आ रहा है।

Raisen. Major leakages have occurred in most of the gates of a big dam of Madhya Pradesh, cracks have come in the walls of the dam, if the plaster has been uprooted, then there is a fear of accident due to potholes, lest the torrent Like the Karam Dam of the district, this dam should also become the cause of an accident someday, because seeing the condition of the dam, if it is not repaired, there is a sign of some major untoward incident.




रायसेन जिले के दाहोद डैम के 18 में से 14 गेट लीक हैं। गेट बंद रहने के बाद भी रोज हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। पानी की बर्बादी के जिम्मेदार सिंचाई विभाग के अफसरों नेे इसे रोकने का कोई इंतजाम नहीं किया। इतना ही नहीं, आलम यह है कि डैम की बाउंड्रीवॉल अगस्त की बारिश में ढह गई। तब से अब तक इसकी मरम्मत की ओर विभाग ने झांका तक नहीं। क्षतिग्रस्त बाउंड्रीवॉल के पास लोग अब मछलियां पकड़ रहे हैं।




12 गांवों के किसानों के हक का पानी बह रहा व्यर्थ…

64 साल पहले 1958 में 26.41 एमसीएम क्षमता वाले डैम का निर्माण किया था। डैम के पानी से रायसेन जिले के 12 गांवों दाहोद, नूरगंज, मुंडला, आमखेड़ा, हमीरी, इटावा खुर्द, इटावा कला, मंडकासिया, बिसनखेड़ा, नानाखेड़ी और करमई की 1862 हेक्टेयर रबी फसल फल-फल रही हैं।




इन गांवों के 1400 किसानों के हक का पानी व्यर्थ बह रहा है। बता दें कि पिछले दो-तीन वर्षों से पानी की कमी थी, लेकिन इस बार की बारिश डैम कई दिनों तक ओवरफ्लो रहा। पानी का बहाव इतना तेज था कि धक्के से बाउंड्रीवॉल ढह गई।



उजड़ गया मछली पालन

डैम के बीच पानी में मछली पालन हो रहा था। अगस्त की बारिश में दोनों मछली पालन उजड़ गए। एक वर्तमान में फिर बनकर चलने लगा है तो दूसरा अभी तक शुरू नहीं हो पाया। मछली पालन करने वाले तंबू और सामान बांध के किनारे क्षतिग्रस्त हालत में पड़े हैं।





कभी भी धंस सकती है बाउंड्रीवॉल मेंटेनेंस नहीं होने के कारण डैम की बाउंड्रीवॉल में कई जगह दरारें फूट गई हैं। इनका आकार लगातार बढ़ रहा है। कभी भी कहीं की भी बाउंड्रीवॉल धंसक सकती है। मछली पकड़ने वाले लोगों ने बताया कि इतना अच्छा डैम है, लेकिन सिंचाई अफसरों की लापरवाही के कारण बर्बाद होता जा रहा है।

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