गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन का बेटा मांगता है मोबाइल नंबर, शिकायत लेकर पहुंची छात्राएं

अशोकनगर. हॉस्टल में खराब खाना और अन्य व्यवस्थाओं की शिकायत पर छात्राओं से वार्डन मारपीट करती है। वार्डन का बेटा भी आकर गालियां देता है और मारपीट करता है। मां-बाप की कसम देकर धमकी दी जाती है कि यदि शिकायत की तो छात्रावास से भगा देंगे और कह देंगे कि रात-रातभर लड़कों के साथ घूमती हो, इससे तुम्हारी पढ़ाई-लिखाई सब बंद हो जाएगी।




ये आरोप अशोकनगर शहर के सीनियर गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने लगाए हैं। छात्राएं अपनी शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचीं और आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक से शिकायत की। छात्राओं का आरोप है अधीक्षिका की धमकी के चलते माता-पिता की इज्जत खराब होने के डर से वह शिकायत नहीं करती हैं। छात्राओं ने कहा कि 18 सितंबर को एक छात्रा ने खाना अच्छा न होने की बात कही तो मैडम ने सबके सामने उसे थप्पड़ मारा व उसके बेटे ने गंदी गालियां दीं।




छात्रा बोली-मोबाइल नंबर मांगता है वार्डन का बेटा शिकायत लेकर पहुंची एक छात्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि वार्डन का बेटा छात्राओं से उनका मोबाइल नंबर मांगता है। जब हम कहते हैं कि हमारे पास मोबाइल नहीं है तो वह कहता है कि मैं छात्रावास में मोबाइल रखवा दूंगा, मां का छात्रावास है। साथ ही छात्रा ने कहा जब उसने अधीक्षिका से कहा मैडम सुबह पराठे बनवा देना तो अधीक्षिका का बेटा बोला कि यहां क्या तुम्हारा बाप सामान रख गया है।




छात्राओं ने कहा कि छात्रावास में खराब खाना मिल रहा है, मीनू अनुसार खाना नहीं बनता है। वहीं छात्रावास में खेल की व्यवस्था या पुस्तकालय आदि भी नहीं है। बीमार होने पर इलाज की बजाय झाड़फूंक कराकर छात्रावास से भगा दिया जाता है।

ये बोले जिम्मेदार.. छात्राओं की शिकायत पर जिला संयोजक का कहना है कि जब उन्होंने छात्रावास पहुंचकर पूछा तो बताया गया कि वार्डन का बेटा उन्हें छोड़ने आता है और कई बार अंदर भी आ जाता है। इससे लोगों का सवाल है कि जिस छात्रावास में महिला कर्मचारियों की अनुपस्थिति में पुरुष अधिकारियों के जाने पर भी रोक है, तो उस छात्रावास में अधीक्षिका के बेटे को प्रवेश कैसे करने दिया जाता है। कारण कुछ भी हो, लेकिन इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।




जिला संयोजक एनएस रघुवंशी ने कहा कि छात्राओं का मुख्य उद्देश्य है कि अधीक्षिका छात्रावास से हट जाएं, छात्राएं बिना बताए छुट्टी पर चली जाती हैं व एक-दो बार बिना बताएं चली गईं। बच्चियों ने कहा अधीक्षिका का बोलचाल ठीक नहीं है, तो हम अधीक्षिका को हटा रहे हैं। अधीक्षिका के बेटे के हॉस्टल में ने के बारे पूछा तो कहा कि बाहर तक छोड़ने आता है और कभी अंदर भी जाता है।

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