रीवा में अर्थ बिल्डर्स एण्ड डेवलेपर्स ग्राहकों के साथ कर रहा धोखधड़ी ! 20 करोड़ का मामला आया सामने
रीवा में अगर आप ले रहे प्लाट तो हो जाए सावधान
रीवा शहर से सटे कई गांवों में इन दिनों जमीन माफिया सक्रिय है, जो लगातार लोभ लालच देकर ग्राहकों को अपना शिकार बना रहा, जमीन माफिया इस कदर सक्रिय है की पैसा इंवेस्ट कराने के बोलते है और जब कोई ग्राहक उस जमीन पर पैसा इंवेस्ट करता है तो उसके बाद धोखा धडी की जाती है
धोखाधड़ी की शिकायत लेकर पहुंचे एसपी दफ्तर
प्लाट देने के नाम पर बिल्डर्स पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। दर्जन भर लोगों ने समान थाना सहित एसपी कार्यालय जाकर कार्रवाई के लिए गुहार लगाई। शिकायत करने वालों का आरोप है कि अर्थ बिल्डर्स एण्ड डेवलेपर्स के चेयरमैन नीरज ललित प्रताप सिंह द्वारा कस्टमर एवं इनवेस्टर के साथ धोखधड़ी की गई है। आरोप लगाया गया है कि प्लाट
देने के लिए पूरी राशि दो वर्ष ले ली गई है। चोरहटा में प्लाट देने के लिए बोला गया था, लेकिन न तो जमीन ही दी गई और न ही पैसा लौटाया जा रहा है। शिकायत में यह भी बताया गया कि कंपनी के नाम पर जमीन लेने के लिए कई लगाकर उनके साथ हर महीने ईएमआई एवं तीन गुना पैसा तीन साल के अन्दर लौटाने हेतु विधिवत ऐग्रीमेंट किया गया था, लेकिन न ही ईएमआई दी जा रही है और नए ही इनवेस्टर का पैसा दिया जा रहा है। आरोप है कि
संपर्क करने पर अमर्यादित शब्दों का उपयोग किया जाता है। नए- नए प्रोजेक्ट के नाम पर लगातार प्रन धोखाधड़ी किया जा रहा है। क पनी स में रखे गये कर्मचारियों का इनसेटिव है एवं सैलरी चार माह से नहीं ही स गई है। सविता रावत, राघवेन्द्र व नीरत, रामदीन कोल, सुधीर रावत, रामकली, जय प्रकाश, अंगद प्रसाद प्रजापति, प्रवीण कुमार, राजकुमार, नंदलाल, भोलानाथ साहनी, प्रेमकली, जगदीश आदि ने कार्रवाई करने की मांग की है।
नीरज ललित प्रताप सिंह द्वारा अपनी कम्पनी के नाम से जमीन लेने हेतु कई इनवेस्टर लगाकर उनके साथ हर महीने EMI एवं तीन गुना पैसा, तीन साल के अन्दर लौटाने हेतु विधिवत ऐग्रीमेंट किया गया था, लेकिन न ही EMI दी जा रही है और न, ही इनवेस्टर का पैसा दिया जा रहा है संपर्क करने पर बहुत सारे इनवेस्टरों का फोन ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया हैं किसी तरह से सम्पर्क करने पर नीरज ललित सिंह द्वारा गाली गौलज के साथ बहुत अन्य तरह की गालिया देकर धमकी दी जाती है कि जो उखाड़ना हो तो उखाड़ लेना नहीं दूंगा पैसा, इस तरह की अमर्यादित शब्दों का उपयोग किया जाता है।
नीरज ललित प्रताप सिंह का इतिहास के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि वह पूरे भारत में इसी तरह से कई जगहों में फ्राडगीरी एवं धोखाधड़ी किया हुआ, इसका पूरी बैकग्राउण्ड पता करके इसके कुकर्मो की सजा दिलाई जाय।
नीरज ललित प्रताप सिंह द्वारा पेपर एवं बाउसर में कस्टूमरों को फंसाने हेतु कई तरह से लालच दिया जाता है और कहां जाता है कि मैं जमीन को फुल डवलेपमेन्ट करके दूंगा पर आज दिनांक तक किसी भी तरह से डवलेपमेन्ट नहीं किया गया है इनका एक प्रोजेक्ट सिरमौर दुलेहरा में है जिसमें कस्टूमरो का पैसा चार साल से लिये है पर डेवलपेन्ट कुल भी नहीं हुआ है। इसी तरह से अगडाल एवं चोहरटा में भी कस्टूमरों से पैसा लेकर कोई डेवलपमेन्ट नहीं किया गया है जिसके कारण सभी कस्टूमर परेशान है।
नीरज ललित प्रताप सिंह द्वारा रीवा से 20,000,00,000=00 रूपये (बीस करोड रूपये) इनवेस्टमेन्ट से और 20,000,00,000=00 रूपये कस्टूमर से लेकर धोखाधड़ी एवं झूठ बोलकर ठग लिया गया एवं छोटी एवं बड़े शहरों में इनके कई ऑफिस चल रहे है कस्टूमर जैसे ऑफिस जाते है तो उनको ऑफिस के कर्मचारियों द्वारा इधर-उधर से भटकया जाता है और कम्पनी के एकाउन्टे अशना श्रीवास्तव एवं सीईओ प्रिया तिवारी द्वारा अशब्दों का उपयोग कर ऑफिस से भगा दिया जाता है।
इन पतों पर हैं कार्यालय
रीवा में अर्थ बिल्डर्स समदडिया बिल्डींग A- ब्लैक 311 में ऑफिस चल रही है।
भोपाल में अर्थ बिल्डर्स एण्ड डेवलेपर्स टी.टी. नगर न्यू मार्केट भोपाल।
जबलपुर, में अर्थ बिल्डर्स डेवलेपर्स राईट टाउन पचौरी हाउस तीन पत्ती जबलपुर।
नागपुर, में रैनों बिल्डर्स एवं मुम्बई में जनजीरा बिल्डर्स के नाम से चल रही है।
नीरज ललित प्रताप सिंह द्वारा रामनई में प्रोजेक्ट बताकर कस्टूमरों से करोडो रूपये लेकर भाग गया है कृपया इसकी भी जाँच कराकर पैसा लौटवाया जाय।
नीरज ललित प्रताप सिंह द्वारा अपना नाम एवं पता बदलकर लोगों को झूठा फसाया जाता है और पैसा लेकर दूसरी जगह भाग जाता है।
नीरज ललित प्रताप सिंह द्वारा अपने कम्पनी में रखे गये कर्मचारियों का इनसेटिव एवं सैलरी चार माह से नहीं ही गई है भागने पर धमकी एवं गाली दी जाती है सैलरी नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों का परिवार भूखो मरने की कगार में है कृपया नीरज ललित प्रताप सिंह को बुलाकर हम लोगो की सैलरी दिलवाई जाय।
नीरज ललित प्रताप सिंह ने पुलिस डिर्पाटमेन्ट से बहुत सारा पैसा इनवेस्टमेट के रूप में लिया गया है और उन्ही के दम पर कस्टूमर और इन्वेस्टरों को धमकाया जाता है कि गाली गौलज मैने पुलिस डिपाटमेन्ट को खरीद रखा है सबको किसी न किसी पर केश लगवाकर जेल भेजवाने की धमकी दी जाती है।