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तुम भी खाओ हमे भी खिलाओ की नीति पर रीवा सीएमएचओ

रीवा स्वास्थ्य विभाग में सीएमएचओ पद की लड़ाई किसी से छुपी नहीं है सीएमएचओ का पद स्वास्थ्य विभाग का मलाईदार पद माना जाता है एक समय तो ऐसा था कि एक पद पर दो-दो सीएमएचओ रीवा मुख्यालय में काम कर रहे थे, लेकिन राजनैतिक जुगाड़ के चलते डॉक्टर बी एल मिश्रा वर्तमान समय पर इस पद को सुशोभित कर रहे हैं डॉक्टर बी एल मिश्रा सीधी में रहते हुए चश्मा कांड घोटाले पर भी खूब सुर्खियां बटोरी थी, अब उनका एक और कारनामा इस समय सुर्खियों में है

डॉक्टर बी एल मिश्रा अपने करीबी को लाभ दिलाने के लिए मऊगंज सिविल अस्पताल में सेक्टर सुपरवाइजर को स्वास्थ्य विभाग में बड़ी जिम्मेदारी दे दी है जबकि उक्त फील्ड ऑफिसर को मऊगंज सिविल अस्पताल में फिल्म के साथ-साथ रेबीज (कुत्तों का इंजेक्शन) इंजेक्शन लगाने की जिम्मेदारी भी सीएमएचओ रीवा द्वारा दी गई थी


उक्त क्षेत्र सुपरवाइजर के ऊपर पूर्व में कई लोगों ने आरोप लगाया था की मुफ्त में मिलने वाला रेवीज इंजेक्शन को सेक्टर सुपरवाइजर द्वारा 300-300 लेकर लगाया जाता है!  गरीबों का शोषण करने का भी आरोप लग चुका है

जबकी उक्त सेक्टर सुपरवाइजर के अंडर में पूर्व से ही 8 उप स्वास्थ्य केंद्र और लगभग डेढ़ सौ एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी पहले से ही है ,
यह सभी आठ उप स्वास्थ्य केंद्र तराई क्षेत्र के है जहां पर पिछड़ा वर्ग और हरिजन आदिवासियों की बस्ती ज्यादा है वहां पर पहले से ही बराबर टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं न मिल पाने के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से ही चरमराई हुई है

 


एक कहावत है कि
जब सैंया भाई कोतवाल तो अब डर काहे का

दो दिन  पूर्व ही मऊगंज कलेक्टर ने अचानक स्वास्थ्य विभाग का निरीक्षण किया और वहां पर पहले अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी भी व्यक्त की गई थी ,
और उसके दूसरे ही दिन स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ और सीएमोचो को बुलाकर स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था को सुधारने के लिए दिशा निर्देश देते हुए डॉ रेखा सिंघल को पोषण पुनर्वास और मरीजों को मिलने वाली डाइट की जवाबदारी देने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सीएमएचओ रीवा डॉक्टर बी एल मिश्रा द्वारा अपने करीबी को लाभ पहुंचाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को दिशा निर्देश को दरकिनार करते हुए तत्काल प्रभाव से नया आदेश जारी कर दिया,

जहां पर एक तरफ प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है वही सीएमएचओ के संरक्षण में अब जमकर भ्रष्टाचार होगा ,
क्योंकि जल्द ही रीवा सीएमएचओ रिटायर्ड होने की कगार पर है ,

ज्यादा दिन इस मलाईदार पद पर नहीं बैठ सकते इस कारण अवसर का लाभ उठाते हुए नियमों को ताक पर रखकर अपना हित साधने में लगे हुए हैं अब ऐसे कर्मचारी के रहते हुए कैसे सुधारे की स्वास्थ्य व्यवस्था यह एक बड़ा सवाल?

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