Chlorine Gas Leak: भोपाल में क्लोरीन गैस हुई लीक, फिर याद आई 1984 की वो खौफनाक रात
Chlorine Gas Leak: Chlorine gas leaked in Bhopal, then remembered that dreadful night of 1984
Bhopal Chlorine Gas Leak: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बुधवार देर रात उस समय प्रशासन हरकत में आ गया, जब एक टैंक से क्लोरीन गैस के रिसाव (Bhopal Gas Leak) के बाद कई लोगों ने आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की.
मामले की जानकारी मिलते ही मेडिकल टीम मौके पर पहुंची और कम से कम चार-पांच लोगों को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. घटना भोपाल के ईदगाह इलाके में स्थित मदर इंडिया कॉलोनी की है,जहां वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में क्लोरीन गैस लीक (Chlorine Gas Leak) होने के बाद कई लोगों की तबीयत खराब हो गई.
लोगों को याद आई 1984 की भयावह रात
इस घटना ने जनता में दहशत पैदा कर दी, क्योंकि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लोगों ने 1984 में भी यही स्थिति देखी थी, जब हानिकारक गैस के रिसाव ने कई लोगों की जान ले ली थी और हजारों लोग कई बीमारियों से बचे हुए थे. 1984 में 2-3 दिसंबर की दरम्यानी रात को भोपाल में एक यूनियन कार्बाइड कारखाने से गैस छोड़ी गई थी. इस घटना को दुनिया की सबसे बड़ी रासायनिक आपदा के रूप में जाना जाता है.
चिकित्सा ने अस्पताल में भर्ती लोगों से की मुलाकात
चिकित्सा और शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी घटनास्थल का दौरा किया और बाद में उन्होंने अस्पताल में भर्ती लोगों से भी मुलाकात की. रंग ने हमीदिया अस्पताल में प्रेस से बात करते हुए कहा, ‘स्थिति अब नियंत्रण में है और लोगों को घबराना नहीं चाहिए.
किसी भी व्यक्ति की आंखों में जलन या सांस लेने में समस्या के बारे में शिकायत करने के लिए मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है. हम इस स्तर पर और कुछ भी कहने में असमर्थ हैं. यह समस्या कैसे हुई यह जानने के लिए मामले की जांच की जाएगी.’
सभी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की होगी जांच
हालात का जायजा लेने मौके पर पहुंचे जिला कलेक्टर अविनाश लावानिया ने बताया कि टैंक से क्लोरीन गैस निकलने से लोग घबरा गए और वे अपने घरों से बाहर निकल आए.
लवानिया ने कहा कि क्लोरीन गैस रिसाव (Chlorine Gas Leak) मामले की जांच होगी. इसके साथ ही शहर के सभी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की भी जांच की जाएगी. कलेक्टर ने कहा क्लोरीन गैस का रिसाव हुआ है. नोजल खराब होने के चलते आधा सिलेंडर पानी बहा दिया गया है आधा सिलेंडर को ओर पानी मे डायल्यूट किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘पानी में क्लोरीन अधिक होने के कारण समस्या हुई, हालांकि स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है. नगर निगम के अधिकारियों ने पानी में क्लोरीन के स्तर को कम करना शुरू कर दिया है. टैंक से पानी ओवरफ्लो हो गया और इससे लोगों को खुजली और सांस लेने में समस्या महसूस हुई.’
कितनी घातक हो सकती है क्लोरीन गैस?
चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिशर डॉक्टर प्रभाकर तिवारी ने कहा कि क्लोरीन प्राणघातक नहीं है और उन्होंने लोगों से ना घबराने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि क्लोरीन की वजह से वार्निंग सेंसेशन, सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसी समस्या सामने आती है. लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है.