अमेरिका की बराबरी में चीन को बीस वर्ष लगेंगे

इकोनॉमी : अमेरिका की बराबरी में चीन को बीस वर्ष लगेंगे

इकोनॉमी: इस साल आर्थिक विकास की गति धीमी पड़ने और अंदरूनी कर्ज के बोझ की वजह से चीन के दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में देर हो सकती है। कुछ अनुमानों के अनुसार 2023 में अमेरिका और चीन के जीडीपी में 66 लाख करोड़ रुपए से अधिक का अंतर होगा। इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (इआईयू) के अनुसार चीन को अमेरिका से आगे निकलने के लिए 2040 के दशक तक इंतजार करना होगा।

चीन को लंबे समय तक अच्छी विकास दर बनाए रखने के लिए आबादी, प्रोडक्टिविटी और मूल्यों के मामले में स्थिति सुधारना होगी। अनुमान है, अगले बीस वर्षों में चीन की लेबर फोर्स 12% कम होगी। काम करने वाली आबादी के बल पर ही उसने अब तक तरक्की की है। उसे प्रोडक्टिविटी बेहतर करने के लिए इनोवेशन की जरूरत होगी। अमेरिका और सहयोगी देशों के आधुनिक टेक्नोलॉजी पर रोक लगाने से चीन को मुश्किल होगी।

तीसरा फैक्टर चीन की मुद्रा युआन का मूल्य है। परचेजिंग पावर’ पेरिटी के हिसाब से चीन का जीडीपी अमेरिका का केवल 60% है। इआईयू का अनुमान है, आने वाले वर्षों में डॉलर के मुकाबले युआन का मूल्य बढ़ेगा। इससे चीन को अमेरिका से अंतर कम करने में मदद मिलेगी।

Economy: China may be delayed in becoming the world’s largest economy this year due to slowing economic growth and the burden of internal debt. According to some estimates, in 2023, there will be a difference of more than 66 lakh crore rupees in the GDP of America and China. According to the Economist Intelligence Unit (EIU), China will have to wait until the 2040s to overtake the US.

For China to maintain a healthy growth rate in the long run, it needs to improve the situation in terms of population, productivity and prices. It is estimated that China’s labor force will decrease by 12% in the next twenty years. It has progressed so far only on the strength of the working population. It will need innovation to improve productivity. It will be difficult for China to ban the modern technology of America and allied countries.

The third factor is the value of the Chinese currency, the yuan. According to Purchasing Power Parity, China’s GDP is only 60% of America’s. The EIU estimates that the value of the yuan will increase against the dollar in the coming years. This will help China narrow the gap with the US.

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