स्कूल-कॉलेज,अस्पताल जीएसटी पंजीयन से मुक्त
Budget 2023 नई दिल्ली : केंद्रीय बजट में स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों को अब जीएसटी का पंजीयन लेने की अनिवार्यता से मुक्त कर दिया गया है। ये संस्थाएं जीएसटी के दायरे में आने वाली सेवाओं या वस्तु का कारोबार नहीं करतीं। हालांकि, जरूरत के हिसाब से वे जीएसटी के दायरे में आने वाले सामान और सेवाओं को लेती हैं। केवल इसलिए उन्हें जीएसटी का पंजीयन लेना पड़ता था।
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अब केंद्रीय बजट में सेक्शन 23 में इसके लिए जरूरी बदलाव कर दिए गए हैं। इसके अनुसार करमुक्त सप्लाई करने वाली संस्थाओं को जीएसटी के पंजीयन की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही आम बजट में जीएसटी से जुड़े कई अहम बदलाव हुए हैं। जीएसटी विशेषज्ञ मुकुल शर्मा ने बताया कि कूरियर कंपनियां अब तक जीएसटी के दायरे में बाहर की वस्तुएं जैसे शराब, पेट्रोल-डीजल की सप्लाई नहीं कर सकती थीं।
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अब उन्हें इनकी सप्लाई की अनुमति दे दी गई है। तीन साल तक जीएसटी के मासिक और सालाना रिटर्न न फाइल करने वाले न तो कोई टैक्स ले सकेंगे और न ही जमा करा पाएंगे। क्योंकि वे रिटर्न भरने के पात्र नहीं होंगे।
हालांकि सरकार चाहे तो उन्हें इसकी अनुमति दे सकती है। व्यापारी रिफंड क्लेम करते है। अगर यह 60 दिन के भीतर मंजूर नहीं होता तो सेक्शन-56 के तहत 12% ब्याज का प्रावधान है। बजट में इसके बारे में बताया गया है।
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कूरियर वाले अगर किसी ऐसे व्यापारी का माल सप्लाई करते हैं जिसके पास जीएसटी का पंजीयन नहीं हो तो उन पर 10 हजार रुपए की पेनॉल्टी के साथ सप्लाई की गई वस्तु पर देय टैक्स भी जमा कराना हेगा। व्यापारी ने अगर किसी दूसरे व्यापारी से माल लिया या फिर दिया है तो वह इसकी जानकारी आयकर-कस्टम समेत दूसरे विभागों को दूसरे व्यापारी की मंजूरी के बिना शेयर नहीं कर सकता।