प्रधानमंत्री आवास में बदहाली का जीवन : बिल्डिंग में सीपेज की समस्या, उखडऩे लगे चौखट और प्लास्टर
– सीवर लाइन जाम हुई तो फर्श के ऊपर बहने लगी गंदगी, नारकीय जीवन जी रहे लोग
– आवास योजना के सुंदरनगर में बनाए गए मकानों का हाल
रीवा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर निगम द्वारा बनवाए गए मकानों में रहने वाले लोगों को इनदिनों मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। धीरे-धीरे अव्यवस्था बढ़ते जाने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। भवनों का रखरखाव ठीक तरीके से नहीं हो रहा है। जिसके चलते तीन साल के भीतर ही यह जर्जर होने लगे हैं।
शहर के सुंदर नगर मोहल्ले में बनाए गए मकानों में बदहाली के बीच लोग जीवन गुजार रहे हैं। भवनों का निर्माण गुणवत्ताहीन होने की वजह से उसमें सीपेज की समस्या बढ़ती जा रही है। दीवारें कई जगह सीपेज के कारण कमजोर होती जा रही हैं। निर्माण की गुणवत्ता सही नहीं होने की वजह से प्लास्टर उखडऩे लगी है। पानी निकासी की पाइपलाइन कई जगह टूट गई है, इससे भी पूरे दीवार पर पानी बह रहा है।
परिसर की एक बड़ी समस्या जो स्थानीय लोगों ने बताई वह सीवर की है। लोगों के मकानों से सीवर टैंक को जोड़ा गया लेकिन टैंक तक जाने वाली पाइपलाइन खराब हो गई है। जिसकी वजह से सीवर का मलबा दूसरी ओर बहने लगा है। कई जगह फर्श के ऊपर गंदगी बह रही है, जिससे लोगों को रहना मुश्किल हो रहा है। इसकी शिकायत कई बार की गई लेकिन व्यवस्थाएं ठीक से नहीं बनाई जा रही हैं। कई बार सामूहिक रूप से भी लोगों ने शिकायतें दर्ज कराई हैं। यहां पर कल्याण टोलवे ठेका कंपनी ने निर्माण कार्य कराया लेकिन रखरखाव को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए गए।
– बिजली केबिल जली तो फंसा रहे कटिया
शहर के सुंदर नगर में ईब्डल्यूएस के हितग्राहियों को दिए गए मकानों में ठेका कंपनी द्वारा बिजली मीटर के साथ जो केबिल लगाई गई है वह भी घटिया क्वालिटी की है। यह कुछ महीने के बाद ही जल गई। जिसे सुधारने के लिए नगर निगम और विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को कई बार शिकायतें भेजी गईं लेकिन कोई व्यवस्था नहीं बनाए जाने की वजह से लोगों ने अब बिजली जलाने के लिए कटिया फंसा लिया है। खुले तार में करंट फंसाए जाने से इसमें खतरा भी बना रहता है।
– मीठे पानी की सप्लाई व्यवस्था नहीं
नगर निगम ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान तो बनवा दिया लेकिन मीठे पानी की सप्लाई के लिए व्यवस्था नहीं बनाई। शुरुआत में तो ठेकेदार ने केवल बिल्डिंग खड़ी कर दी थी, पानी से जुड़ी कोई व्यवस्था नहीं की गई। जिसका विरोध किए जाने के बाद नगर निगम ने बोरिंग की व्यवस्था की है। पानी तो लोगों को मिल रहा है लेकिन वह खारा होता है, जिसकी वजह से पीने और खाना पकाने के लिए पानी लेने के लिए कालोनी के बाहर जाना पड़ रहा है।
साफ-सफाई की भी हो रही है अनदेखी
परिसर में साफ-सफाई की भी बड़ी समस्या है। यहां पर कालोनी के बीच सड़कों की सफाई कभी-कभार होने की जानकारी स्थानीय लोगों ने दी है। साथ ही कहा है कि परिसर के दूसरे हिस्से में कचरे का ढेर जमा होता रहा है, जहां पर सफाई के लिए न तो नगर निगम ने कोई व्यवस्था की है और न ही उक्त भवन बनाने वाले ठेकेदार की ओर से कोई व्यवस्था की गई है। बाउंड्रीवाल बनाने का कार्य अब शुरू हुआ है। इसके पहले तक आवारा जानवर भी परिसर में मंडराते रहते थे।
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रहवासियों ने ऐसे बताई समस्या
सीवर की लाइन ब्लाक हो गई है, जिसके चलते टैंक में जाने के बजाए मलबा बाहर फैल रहा है। बिल्डिंग का प्लास्टर कई जगह से उखड़ रहा है। चौखट भी इतनी कमजोर थी कि उखडऩे लगी है। प्रशासन व्यवस्थाएं बनाए अन्यथा समस्याएं बढ़ती जाएंगी।
सुनील कुमार बंसल, स्थानीय रहवासी
तीन साल हमें इस कालोनी में रहते हो गए लेकिन अब तक मीठे पानी की व्यवस्था नहीं की गई है। जबकि आश्वासन भी मिल रहे हैं। इस समय सीवर की समस्या है, जिसकी शिकायतें भी की गई हैं। नगर निगम के लोग आए थे लेकिन कोई समाधान नहीं हो सका है।
गुडिय़ा साकेत, स्थानीय रहवासी
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खाना पकाने के लिए पानी लेने करीब एक किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। इसकी मांग शुरू से ही हम लोग करते रहे हैं। रखरखाव से जुड़ी निगरानी के लिए अधिकारी आते रहें तो समस्याएं बढऩे ही नहीं पाएं लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
शकुंतला देवी, स्थानीय रहवासी
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पूरी बिल्डिंग में सीपेज है जो घर के भीतर तक पूरी दीवाल में नमी बनाए हुए है। इससे डर बना रहता है कि बिजली का करंट फैलने से दुर्घटना हो सकती है। साथ ही बिल्डिंग जर्जर हो जाएगी। प्रशासन को इसकी देखरेख के लिए निगरानी बढ़ाना चाहिए।
अनीता पाण्डेय, स्थानीय निवासी