रीवा के देवतालाब में हो रहे राज्य स्तरीय खेल में कबड्डी खिलाड़ी भूखे पेट सो रहे है. शहर में चर्चा तेजी से हो रही है
मध्य प्रदेश राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में भोपाल से आए बच्चों ने सुनाई आपबीती रात भर भूखे सोए रहे बच्चे अपने माता-पिता परिवार को छोड़कर टीम के कोच के भरोसे आए बच्चों को खाना तक नसीब नहीं बिस्किट खा कर बिता रहे हैं
सवाल उठता है कि एक स्कूल से दूसरे स्कूल में खेलने जाने वाले बच्चों को जब शासन द्वारा नाश्ता भोजन आने जाने का किराया कोच द्वारा सुरक्षित ले जाना ले आना पूरी व्यवस्था मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा किया एवं दिया जाता है
वहीं राज्य स्तरीय कबड्डी संभागी खेल प्रतियोगिता होने पर क्या मध्यप्रदेश शासन एवं खेल मंत्रालय द्वारा बजट नहीं मिला होगा यदि बजट मिला है तो टीम के कोच के द्वारा घोर लापरवाही करते हुए बच्चों को भूखा रखना उनके प्रति जिम्मेदारी ना होना घोर लापरवाही है
इन बच्चों को मिलने वाले बजट कौन-कौन डेकार रहे हैं ऐसे लोगों पर मध्य प्रदेश सरकार एवं खेल मंत्रालय को ध्यान देते हुए कार्यवाही करनी चाहिए जो बच्चे अपने भूखे सोने की आप बीती कहानी सुना रहे हैं वह बहुत ही दुखी और दर्द भरी कहानी है इन बच्चों को भूखे पेट सोना सबसे बड़ी एवं घोर लापरवाही टीम कोच की है जो अपनी टीम एवं बच्चों का ध्यान नहीं रख सकते ऐसे कोच एवं शिक्षा विभाग के जिम्मेदार लोगों पर शासन प्रशासन द्वारा कार्यवाही करते हुए बर्खास्त कर देना चाहिए
अभी तो यह भोपाल संभाग के भोपाल टीम बच्चों की कहानी सुनी गई है आगे किस किस संभाग के बच्चे भूखे सोए हुए थे इस बात की भी जांच करानी चाहिए एवं दोषियों पर कार्यवाही करनी चाहिए
ज्ञात हो कि खेल आयोजनों के लिए सरकार के द्वारा बजट का आवंटन किया जाता है। जिसमें बच्चो को रहने, खाने एवं नाश्ता चाय सहित सभी तरह की सुविधा मुहैया कराई जानी चाहिए। इसके बाद भी बच्चो को जब भोजन ही नही मिल पा रहा है तो अन्य सुविधाओं का तो भगवान ही मालिक है, बहरहाल बच्चो द्वारा लगाए जा रहे आरोप प्रशासन के लिए जांच का विषय है। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी।