सीएम सचिवालय में पहली बार अपर मुख्य सचिव की पदस्थापना डॉ. राजेश राजौरा एसीएस मुख्यमंत्री संजय शुक्ला सीएम के प्रमुख सचिव बने

भोपाल – लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के साथ ही प्रदेश में प्रशासनिक सर्जरी शुरू हो गई है. इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री सचिवालय से हुई है. सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए डॉ. राजेश राजौरा को सीएम सचिवालय में अपर मुख्य सचिव और संजय कुमार शुक्ला को प्रमुख सचिव के पद पर पदस्थ किया है. इस संबंध में मंगलवार रात आदेश जारी कर दिया गया

मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मप्र के इतिहास में संभवतः यह पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री सचिवालय में अपर मुख्य सचिव की पदस्थापना की गई है. अब तक मुख्यमंत्री सचिवालय में प्रमुख सचिव की पदस्थापना की जाती रही है. डॉ. राजेश राजौरा के पास उपाध्यक्ष नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण एवं अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास विभाग व अपर मुख्य सचिव (अतिरिक्त प्रभार) यथावत रहेगा. ऐसे ही संजय शुक्ला के पास प्रमुख सचिव महिला- बाल विकास विभाग व प्रमुख सचिव योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग (अतिरिक्त प्रभार) यथावत रहेगा

मंत्रालय में चर्चा है कि सरकार किसी की भी हो राजेश राजौरा सभी की गुड बुक में शामिल रहते हैं. शिवराज सिंह चौहान के लंबे कार्यकाल के दौरान पदों पर राजौरा नियुक्त रहे. कमलनाथ की सरकार में भी लूप लाइन में नहीं भेजे गए. मोहन सरकार में तो ज्यादा ही उपकृत किए गए

सीएम सचिवालय में अब 2 पीएस

संजय शुक्ला की पदस्थापना के साथ ही सीएम सचिवालय में 2 प्रमुख सचिव हो गए हैं. राघवेंद्र सिंह पूर्व से ही सीएम सचिवालय में प्रमुख सचिव के पद पर पदस्थ हैं. सूत्रों का कहना है कि राघवेंद्र सिंह की जल्द ही नई पदस्थापना की जा सकती है. उधर, शासन ने एक अन्य आदेश में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी को अस्थाई रूप से आनंद विभाग के प्रमुख सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है

इसलिए हुई डॉ. राजौरा की पदस्थापना

मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में सभी 29 सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ ही सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही बढ़ गई है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इससे भलीभांति वाकिफ हैं. मुख्यमंत्री चाहते हैं कि आने वाले दिनों में सरकार तेज गति से रिजल्ट ओरिएंटेड काम करे. इसके लिए उन्हें एक तेजतर्रार और त्वरित निर्णय लेने वाले अधिकारी की जरूरत थी

यही वजह है कि उन्होंने 1990 बैच के आईएएस डॉ. राजेश रजौरा को अपना अपर मुख्य सचिव बनाने का निर्णय लिया. डॉ. राजौरा तत्काल फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं. वे अफसरों के बीच सामंजस्य बैठाने में माहिर हैं। डॉ. राजौरा मुख्य सचिव की दौड़ में भी सबसे आगे हैं. ऐसे ही 1994 बैच के आईएएस संजय शुक्ला की गिनती सुलझे अफसरों में होती है. प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन रहते, उन्होंने प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में बेहतर काम किया था

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